'माइकल' नाम से रची काल्‍पनिक दुनिया, फिर धड़ाधड़...इजराइल के खुफिया एजेंटों ने सुनाई पेजर- वॉकी टॉकी विस्‍फोट की इनसाइड स्‍टोरी
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'माइकल' नाम से रची काल्‍पनिक दुनिया, फिर धड़ाधड़...इजराइल के खुफिया एजेंटों ने सुनाई पेजर- वॉकी टॉकी विस्‍फोट की इनसाइड स्‍टोरी

Israel Hezbollah Pager Attack: इजराइल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ विस्फोटक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके जो खतरनाक हमले किए थे, उसकी इनसाइड स्‍टोरी सामने आ गई है.

'माइकल' नाम से रची काल्‍पनिक दुनिया, फिर धड़ाधड़...इजराइल के खुफिया एजेंटों ने सुनाई पेजर- वॉकी टॉकी विस्‍फोट की इनसाइड स्‍टोरी

Israel attacked Hezbollah: इजराइल, हमास, हिजबुल्‍लाह ने बीते कई महीनों से जबरदस्‍त गदर मचा रखा है. इनके बीच चली रही जंग ने कई जानें ले लीं. इस बीच कुछ हमले जमकर चर्चा में आए. जैसे- इजराइल का पेजर और वॉकी टॉकी के जरिए किया गया अटैक. इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए किया गया यह हमला बेहद अलग तरह का और खतरनाक था.

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अब इजराइल के हाल में रिटायर हुए 2 वरिष्ठ खुफिया एजेंटों ने इस घातक खुफिया अभियान के बारे में डिटेल से बताया है कि कैसे लेबनान और सीरिया में करीब 3 महीने पहले हिज्बुल्लाह के आतंकवादियों को विस्फोटक ‘पेजर’ और ‘वॉकी टॉकी’ के जरिए निशाना बनाकर हमले किए गए. हिज्बुल्लाह ने हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के तुरंत बाद इजराइल पर हमला शुरू कर दिया, जिससे इजराइल-हमास युद्ध छिड़ गया.

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मास्‍क पहनकर, आवाज बदलकर सुनाई स्‍टोरी

सीबीएस पर '60 मिनट्स' कार्यक्रम के एक हिस्से में एजेंटों ने बात की. उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए मास्क पहने थे और उनकी आवाज बदली हुई थी. एक एजेंट ने बताया कि यह अभियान 10 साल पहले गोपनीय तरीके से छिपाकर लगाए गए विस्फोटकों से युक्त वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल के जरिए शुरू किया गया था, जिसके बारे में हिज्बुल्लाह को पता ही नहीं था कि वह अपने दुश्मन इजराइल से खरीद रहा है. वॉकी-टॉकी में सितंबर तक विस्फोट नहीं किया गया था, लेकिन बम से भरे पेजर में विस्फोट की घटना के बाद वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट कर दिया गया.

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माइकल नाम से रची काल्‍पनिक दुनिया

खुफिया अधिकारी ने बताया, ''हमने एक काल्पनिक दुनिया की रचना की, जिसका नाम 'माइकल' रखा गया.'' दूसरे अधिकारी ने बताया कि योजना के दूसरे चरण में पेजर का इस्तेमाल किया गया था और इस योजना पर 2022 में काम शुरू हुआ था, जब इजराइल की मोसाद खुफिया एजेंसी को पता चला कि हिज्बुल्लाह ताइवान की एक कंपनी से पेजर खरीद रहा है.  

उन्होंने बताया कि पेजर को थोड़ा बड़ा बनाना पड़ा ताकि अंदर विस्फोटकों को छिपाकर रखा जा सके. विस्फोटक की सही मात्रा का पता लगाने के लिए कई बार डमी पर उनका परीक्षण किया गया, ताकि सिर्फ हिज्बुल्लाह के लड़ाके को ही नुकसान पहुंचे, न कि उसके आसपास मौजूद किसी और को.  

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रिंगटोन भी बनाई

मोसाद ने कई रिंग टोन का परीक्षण किया ताकि ऐसी रिंगटोन ढूंढी जा सके जो इतनी जरूरी लगे कि कोई व्यक्ति अपनी जेब से पेजर निकाल ले. गैब्रियल नामक दूसरे एजेंट ने कहा कि हिज्बुल्लाह को भारी पेजर को लेने के लिए राजी करने में 2 सप्ताह लग गए. कुछ हद तक इसके लिए यूट्यूब पर गलत विज्ञापनों का उपयोग करके उपकरणों को धूलरोधी, जलरोधी, लंबी बैटरी जीवन प्रदान करने वाले और अन्य के रूप में प्रचारित किया गया. उन्होंने फर्जी कंपनियों, जिनमें हंगरी स्थित एक कंपनी भी शामिल है, के प्रयोग का वर्णन किया. इसके माध्यम से ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को धोखे से मोसाद के साथ अनजाने में साझेदारी करने के लिए प्रेरित किया गया.  

साइकोलॉजिकल फिल्‍म जैसी कहानी  

हिज्बुल्लाह भी इस बात से अनजान था कि वह इजराइल के लिए काम कर रहा है. गैब्रियल ने इस खुफिया योजना की तुलना 1998 की एक मनोवैज्ञानिक फिल्म से की, जो एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसे इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि वह एक झूठी दुनिया में जी रहा है तथा उसके परिवार एवं दोस्त बस अभिनेता मात्र हैं जिन्हें उसकी झूठी दुनिया के भ्रम को बनाए रखने के लिए भुगतान किया जाता है.  

गैब्रियल ने कहा, ''जब वे हमसे खरीद रहे होते थे, तो उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं होता था कि वे मोसाद से खरीद रहे हैं.  हम 'ट्रूमैन शो' की तरह काम करते हैं, पर्दे के पीछे से सब कुछ हम ही नियंत्रित करते हैं. वहीं, उन्हें सबकुछ सामान्य अनुभव होता है.  व्यवसायी, मार्केटिंग, इंजीनियर, शोरूम सहित सब कुछ 100 प्रतिशत सही था.''  

आतंकवादियों ने ले लिए 5 हजार पेजर
 
नतीजतन, सितंबर तक हिज्बुल्लाह के आतंकवादियों की जेबों में 5,000 पेजर थे. इजराइल ने 17 सितंबर को पेजर युक्त विस्फोटक से हमला किया था, जब पूरे लेबनान में पेजर बीप करने लगे थे और उपकरणों में धमाका हुआ था. अगले दिन मोसाद ने वॉकी-टॉकी सक्रिय कर दिए, जिनमें से कुछ पेजर हमलों में मारे गए लगभग 30 लोगों के अंतिम संस्कार के समय फट गए.

मारना नहीं अस्‍पताल भेजकर तीमारदारी में पैसा खर्च करवाना था मकसद

ग्रैबियल ने कहा कि इसका लक्ष्य हिज्बुल्लाह लड़ाकों को मारने से कहीं अधिक एक संदेश भेजना था. उन्होंने कहा, ''अगर उन्हें मारा गया तो उन्हें मौत मिल जाएगी. लेकिन अगर वे घायल हैं, तो उन्हें आपको अस्पताल ले जाना होगा, उनकी देखभाल करनी होगी. आपको पैसे खर्च करने होंगे और जिंदगी बचाने के लिए प्रयास करने होंगे. बिना हाथ और आंखों वाले जो लोग लेबनान में घूम रहे हैं, वो इस बात का जीत जागता सबूत हैं कि हमारे साथ खिलवाड़ का अंजाम क्या होता है. वे पूरे पश्चिम एशिया में हमारी श्रेष्ठता का चलता-फिरता सबूत हैं.''

हमले के बाद के दिनों में इजराइल की वायु सेना ने लेबनान में कई ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए, जिसमें हजारों लोग मारे गए. हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्‍लाह की मौत तब हुई जब इजराइल ने उसके बंकर पर बम गिराए. (एपी)

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