Maharashtra CM Race Latest Update: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद महायुति (एनडीए गठबंधन) की प्रचंड जीत ने सत्ता बरकरार रखी है. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि सत्ता का असली "बॉस" कौन होगा? मुख्यमंत्री पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच मंथन जारी है. इस बीच शिवसेना (शिंदे गुट) की प्रवक्ता मनीषा कयांडे ने एक तस्वीर पोस्ट कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है.


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तस्वीर में छुपा संदेश


मनीषा कयांडे ने अपने एक्स हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें लिखा है- "एकनाथ हैं तो सेफ हैं." इस तस्वीर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. इसे शिंदे समर्थकों का संदेश माना जा रहा है, जो उन्हें फिर से मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं. यह पोस्ट शिवसेना (शिंदे गुट) के आत्मविश्वास और उनकी महत्वाकांक्षा को साफ तौर पर दर्शाती है. गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा ने चुनावों में जो नारा (एक हैं तो सेफ हैं) बुलंद किया था. उसी नारे के साथ शिवसेना (शिंदे गुट) ने भाजपा पर वार किया है.



मुख्यमंत्री पद की रस्साकशी


महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के गठबंधन के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर असमंजस बना हुआ है. पिछले कार्यकाल में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद संभाला था. लेकिन बीजेपी के कई नेता देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए उपयुक्त मानते हैं. हालांकि, शिंदे गुट का यह दावा है कि शिंदे की लोकप्रियता और गठबंधन में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए उन्हें ही मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए.


शिंदे गुट का समर्थन


मनीषा कयांडे का पोस्ट इस बात की ओर इशारा करता है कि शिवसेना (शिंदे गुट) पूरी तरह एकनाथ शिंदे के साथ खड़ी है. इस पोस्ट के जरिए न केवल अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश की गई है, बल्कि बीजेपी नेतृत्व को भी संदेश दिया गया है कि शिंदे को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा.


क्या कहता है बीजेपी खेमा?


बीजेपी के कई नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ही सत्ता को मजबूत मानते हैं. फडणवीस के पिछले कार्यकाल को विकास और प्रशासनिक स्थिरता के लिए सराहा गया था. बीजेपी के कार्यकर्ता भी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद मिल सकता है. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सत्ता संतुलन कैसे तय होता है.


तस्वीर से सियासत तेज


"एकनाथ हैं तो सेफ हैं" वाली तस्वीर ने साफ कर दिया है कि शिंदे गुट मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता करने के मूड में नहीं है. यह पोस्ट महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम संदेश दे रही है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सत्ता की इस खींचतान में शिंदे गुट अपनी जगह पक्की करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है.


अगले कदम पर टिकी नजरें


महाराष्ट्र के लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें अब बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की आगे की रणनीति पर टिकी हैं. क्या एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, या फिर देवेंद्र फडणवीस की वापसी होगी? इस पर अंतिम फैसला गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व को करना है. लेकिन मनीषा कयांडे की तस्वीर ने यह साफ कर दिया है कि शिंदे गुट के लिए यह लड़ाई सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा की भी है.