Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब और तेज हो गया है. शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट में जुबानी जंग तेज हो गई है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने चौंका देने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद ऑफर किया था. तब एक नाथ शिंदे रोने लगे थे और कुछ ही दिन बाद उन्होंने बगावत कर दी.


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शिंदे को ऑफर हुआ था सीएम पद


आदित्य ठाकरे ने कहा कि 20 मई को सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को फोन किया था. उद्धव ठाकरे ने शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम पद ऑफर किया था. लेकिन उस समय उन्होंने ड्रामा किया और रोने लगे. ठीक एक महीने बाद उन्होंने बगावत कर दी. लेकिन वे (शिंदे गुट) ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, यह बगावत नहीं है, यह अलगाववाद है. उन्होंने यह सब करने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे की खराब तबीयत का नाजायज फायदा उठाया.


आदित्य ठाकरे ने शिंदे पर लगाए गंभीर आरोप


पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने यह टिप्पणी शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की है. शिंदे ने पिछले हफ्ते पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी. शिवसेना के ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं और सब असम के गुवाहाटी में एक होटल में रह रहे हैं. उनके इस कदम से महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एमवीए में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शामिल है. आदित्य ने शिंदे के विद्रोह के हवाले से कहा कि 20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास)'वर्षा' बुलाया था और पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. हालांकि तब उन्होंने इस मुद्दे को टाल दिया था. लेकिन एक महीने बाद 20 जून को जो होना था वो हो गया.


'शिंदे भाजपा में जाना चाहते हैं'


वर्ली से विधायक ने कहा कि उन्हें सूरत और गुवाहाटी भागने के बजाय सामने से पद की मांग करनी चाहिए थी. इस बीच, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में रविवार को प्रकाशित अपने साप्ताहिक कॉलम में, पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा, शिंदे अगर शिवसेना में ही रहते तो उनके पास राज्य का मुख्यमंत्री बनने का एक अच्छा मौका था. राउत ने कहा कि अगर भाजपा बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के अपने वादे से पीछे नहीं हटती तो शिंदे मुख्यमंत्री होते. हैरानी की बात है कि शिंदे भाजपा में जाना चाहते हैं.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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