Rahul Narvekar on MLA Disqualification: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत देते हुए महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक को शांत किया है. अपने एक लंबे फैसले में उन्होंने शिवसेना शिंदे गुट के 16 विधायकों की योग्यता पर बड़ा फैसला सुनाते हुए उनकी योग्यता बरकरार रखी है. उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुमत के आधार पर हुआ है. ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार की स्थिति जस की तस बनी रहेगी. उद्धव गुट सीएम शिंदे को नहीं हटा सकता है. इस फैसले के बाद सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. उद्धव ठाकरे ने इसे तानाशाही बताया है, संजय राउत ने इसे षड्यंत्र बताया है. तो वहीं अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है और इसे हुकुमशाही की हार बताया है.


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'फैसला लोकशाही में जीत का प्रतीक है'


दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये सत्यमेव जयते है. सच्चाई की जीत हुई है और लोकशाही की जीत हुई है. स्पीकर ने जो फैसला सुनाया है वो लोकशाही में जीत का प्रतीक है. ये हुकुमशाही की हार है, आप एक पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड की तरह नहीं चला सकते हैं. जो जनता के मन में था, ये सब जनता की जीत है. उन्होंने गलत निर्णय लिया था, हमारे पास बहुमत था. स्पीकर ने बहुमत के हिसाब से हमें रीयल पार्टी बना दिया है. एक आदमी हमें पार्टी से नहीं निकाल सकता है. वो कहीं भी जा सकते हैं, कोर्ट भी जा सकते हैं, मेरिट में जो फैसला होता है, तो आरोप लगाते हैं. उन्होंने पहले ही लोकशाही के साथ खिलवाड़ की है. इलेक्शन कमीशन ने ही हमारे हित में फैसला दिया है. स्पीकर ने भी हमारे हित में फैसला दिया है.


उद्धव ठाकरे ने क्या कहा था?
इससे पहले फैसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम लोगों के बीच जाएंगे. हम लोगों के बीच जाते रहे हैं और हम राज्य के लोगों के साथ मिलकर लड़ेंगे. आज जो स्पीकर का आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत फैसला लिया है. हम वहां जाएंगे, ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. जबकि स्पीकर के फैसले पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि यह कोई फैसला नहीं बल्कि बीजेपी का षड्यंत्र है. फैसला देने वालों की स्थिति मुसोलिनी जैसी होगी


स्पीकर ने सुनाया था फैसला 
अपने फैसले में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट और शिवसेना के संविधान समेत कई चीजों का जिक्र किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि कोर्ट के अनुसार दोनों गुटों ने पार्टी के संविधान के अलग-अलग संस्करण प्रस्तुत किए हैं, तो उस मामले में किस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो संविधान दोनों गुटों के उभरने से पहले दोनों पक्षों की सहमति से चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया गया था.