नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Electric Mobility) को लेकर भारत की ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) ने अपनी कमर कस ली है. इनमें मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra)  जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. ये सभी कंपनियां या तो इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicle) लांच कर कर चुकी हैं या फिर टेस्टिंग फेज़ में हैं. इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में 2 व्हीलर, 3 व्हीलर और 4 व्हीलर के अलावा इलेक्ट्रिक बसें भी हैं. एक अनुमान के मुताबिक, इस साल के अंत तक 4000 इलेक्ट्रिक बसें भारत की सड़कों पर उतरेंगी.


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महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) के MD पवन गोयनका (Pawan Goenka) ने Zee News से कहा- भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का अब समय आ चुका है. अब तो राज्य सरकारों ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) के लिए पॉलिसी भी बना चुकी हैं. मार्केट में बहुत सारे प्रोडक्ट्स लॉन्चबि होने वाले हैं लेकिन अभी भी ऑटो कंपनियों को काफी कुछ करने की जरूरत है. भारत में इलेक्ट्रिक-बसों की बहुत डिमांड है. इस साल के आखिर तक सड़कों पर 4000 हजार इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी. सरकार ने इलेक्ट्रिक वेहिकल्स के लिए बहुत कुछ कर चुकी है अब सब ऑटो कंपनियों के हाथ में है. फिर भी सरकार को इलेक्ट्रिक वेहिकल्स के लिए ऑटो इंडस्ट्री की और मदद करनी चाहिए. राज्यों को इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर के लिए परमिट देना चाहिए. सरकार पॉवर को सस्ते स्लैब में रखना चाहिए. प्रॉयरिटी फाइनेंसिंग के लिए कुछ और करने की जरूरत है क्योंकि इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर 5-6% ज्यादा ब्याज पर मिलते हैं. OEMs को भी गाड़ियों को 8-10% कम तक करना चाहिए.


इलेक्ट्रिक वेहिकल्स पर लीथियम अर्बन टेक्नोलॉजी (Lithium Urban Technologies) के CEO संजय कृष्णन (Sanjay Krishnan) ने कहा कि इलेक्ट्रिक वेहिकल्स में अभी उन कंपनियों को फायदा हो रहा है जो बिजनेस टू बिजनेस काम कर रहे हैं. लीथियम अर्बन टेक्नोलॉजी का मानना है कि हम आने वाले समय में 1500 इलेक्ट्रिक वेहिकल ऑर्डर करेंगे.