Empty Oxygen Cylinder: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिला अस्पताल में लगातार लापरवाही के चलते मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को आक्सीजन ना मिलने से एक घायल की मौत हो गई, वहीं मंगलवार को एक मरीज को ले जा रही 108 एंबुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट किया गया है. दरअसल, सोमवार को उज्जैन महाकाल मंदिर के दर्शन कर ट्रेन से अपने घर जा रहे छतरपुर निवासी राधेश्याम गुप्ता पानी भरने के लिए बेरछा रेलवे स्टेशन पर नीचे उतरे और पानी भर रहे थे, इसी बीच ट्रेन चल दी. ट्रेन में चढ़ने के दौरान वो नीचे गिर गए.


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इसके बाद घायल अवस्था में उपचार के लिए जिला अस्पताल में लाया गया, जहां उन्हें आक्सीजन समय पर न मिलने से उनकी मौत हो गई. घायल के साथ अनिता नामक एक महिला भी थी, जो मौत होने पर रो रही थी. जिला अस्पताल इस समय खुद बीमार नजर आ रहा है. कभी ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज की मौत हो जाती है तो कभी मरीज को रेफर करने के लिए परिजनों को 108 एम्बुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट करना पड़ता है.


जिला अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में मरीज अपना उपचार करने के लिए आते हैं. लेकिन इन दिनों जिला अस्पताल को ही उपचार की जरूरत है, बीती रात अस्पताल में भर्ती एक मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण अपनी जान गवांना पड़ी, जबकि जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट है और अस्पताल की नई और पुरानी बिल्डिंग के सभी वार्डों में ऑक्सीजन लाइन भी डाली हुई बावजूद उसके अस्पताल में भर्ती मरीज को सिलेंडर से ऑक्सीजन क्यों दी गई इस पर भी सवाल उठाएं जा रहे हैं तो वही मंगलवार को जिला अस्पताल में एक प्रसूता को रेफर किया गया था, लेकिन 108 एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई.


प्रसूता के परिजन प्रसूता को तड़पता देख 108 एंबुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट करने की जुगत में लग गए, करीब 10 मिनट तक प्रसूता के परिजन एवं अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड द्वारा एम्बुलेंस को धक्का लगाया गया तब कहीं जाकर 108 एंबुलेंस स्टार्ट हुई और प्रसूता को उपचार के लिए ले जाया जा सका. वहीं इस पूरे मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर बीएस मैना का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन लाइन डली हुई है. बावजूद उसके डॉक्टर ने सिलेंडर के ऑक्सीजन क्यों लगाई या जांच का विषय है. वही एंबुलेंस को लेकर उन्होंने कहा कि 108 एंबुलेंस भोपाल से संचालित होती है इसमें हमारा कोई दखल नहीं है.