Kulgam Encounter: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर एनकाउंटर शुरू हो गया है. कुलगाम जिले के यारीपोरा के बादीमर्ग गांव में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि जैसे ही वे संदिग्ध स्थान की ओर बढ़े तो छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई कर दी. 


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गोलीबारी के बाद पूरे इलाके को घेरे में ले लिया गया है. गोलीबारी सेब के एक बाग में हुई और सुरक्षाबलों ने सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर सुरक्षा बड़ा दी है. स्थिति पर मजबूती के साथ कंट्रोल करने के लिए और जवानों को भी भेजा जा रहा है. कश्मीर में पिछले 10 दिनों में यह 9वीं घटना है जब आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी देखी गई है. अब तक इन मुठभेड़ों में 8 आतंकी ढेर हो चुके हैं. मरने वालों में 5 विदेशी आतंकी है.



पिछले 10 दिन में 9 एनकाउंटर


पिछले दस दिनों में कश्मीर संभाग में 9 मुठभेड़ हुई हैं. आंतकवादियों ने गुलमर्ग, सोनमर्ग और टीआरसी चौक पर भी हमले किए, जो पर्यटक केंद्र हैं. श्रीनगर शहर में भी दो मुठभेड़ हुई हैं, जबकि सबसे व्यस्त रविवार के बाजार पर भी ग्रेनेड हमला हुआ, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए. पर्यटकों के पसंदीदा जगह गुलमर्ग और सोनमर्ग में भी करीब दो हमले हुए. इन हमलों की वजह से पर्यनटन अद्योग पर भी भारी फर्क पड़ रहा है. 


लोगों ने किया विरोध:


कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पर्यटन उद्योग में उछाल आया है लेकिन हाल ही में हुए एनकाउंटर की वजह से एक बार फिर लोगों की तादाद में कमी आने लगी है. जिसको लेकर लोगों ने इन हमलों की निंदी भी की है. होटल व्यवसायी, हाउसबोट एसोसिएशन, शिकारा एसोसिएशन, ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन और यहां तक ​​कि टैक्सी एसोसिएशन ने एक आवाज में कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में हुए हाल के हमलों की निंदा की है. पर्यटक हितधारकों ने कहा है कि शांति में यह व्यवधान कश्मीरियों को अस्वीकार्य है.


'हमारे बच्चे ऐसा नहीं चाहते'


जम्मू और कश्मीर होटलियर्स क्लब के अध्यक्ष मुश्ताक छाया ने कहा,'ईमानदारी से कहूं तो पिछले 30 सालों से हमने बहुत सारी मुश्किलें देखी हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से सब ठीक था. अब हमारी अपनी सरकार है और ऐसे में यह ग्रेनेड धमाके परेशान करने वाले हैं. हम साधारण लोग हैं, हम शांति से रहना चाहते हैं, ये चीजें कश्मीरियों को मंजूर नहीं हैं, कुछ लोग ग्रेनेड फेंकेंगे, कुछ लोग गोलियां चलाएंगे, हम इसकी पूरी तरह निंदा करते हैं, हमारे बच्चे ऐसा नहीं चाहते.'


70 फीसद आबादी का पर्यनटन से है नाता


पर्यटकों के आगमन के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. पर्यटन को कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, लगभग 70% आबादी को पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है. यह जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में GDP का 8% योगदान देता है और सर्दियों के पर्यटन सीजन के आगमन के साथ ही पसंदीदा स्थलों पर बर्फबारी शुरू हो गई है और हितधारकों की इच्छा है कि कश्मीर में पर्यटकों के भारी आगमन का स्वागत करने के लिए सब कुछ ठीक रहे.