Terrorism: कश्मीर घाटी में आतंकियों के `समूल नाश` का मास्टरप्लान, 30 साल पहले से शुरू होगी गिनती
J&k: जो आतंकी पाकिस्तान में जाकर शरण ले चुके हैं, वे पहले यहां आतंकवाद से जुड़े थे और अब सीमा पार बैठकर नेटवर्क चला रहे हैं. इसमें शामिल लोगों की एक सूची बनाई गई है और हाल ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हुई है.
Terrorism In Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए भारत सरकार अब सीमा पार आतंकी नेटवर्क पर अपन ध्यान केंद्रित कर रही है. पिछले तीन दशकों में जम्मू-कश्मीर से भगोड़े होकर POK और पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में आतंक फैला रहे 4000 से अधिक आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा.
संपत्तियों को जब्त करने का अभियान
जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक, पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में रह रहे करीब 4200 आतंकों को सूचीबद्ध किया गया है. भारत सरकार ने उन्हें 'घोषित अपराधी' करार दिया हैं, और उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जा रहा है. सरकारी अधिकारियों ने इन आतंकवादियों की संपत्तियों को जब्त करने का अभियान शुरू कर दिया है. जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) जैसी एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में दर्जनों संपत्तियां जब्त की हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में केवल डोडा जिले में 16 से अधिक संपत्तियां जब्त की हैं.
भगोड़ों में सूचीबद्ध किया गया
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि जो लोग पाकिस्तान में जाकर शरण ले चुके हैं, वे पहले यहां आतंकवाद से जुड़े थे और अब सीमा पार बैठकर नेटवर्क चला रहे हैं. हमने इसमें शामिल लोगों की एक सूची बनाई है और हाल ही में डोडा जिले में हमने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. उन्हें और उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है और उन्हें भगोड़ों में सूचीबद्ध किया गया है.
4200 की सूची पहले ही भेजी
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, पंजीकरण और रेवेनू आईजी को पिछले तीन दशकों से पीओके में रह रहे लगभग 4200 आतंकवादियों की सूची पहले ही भेजी जा चुकी है. राजस्व विभाग संपत्तियों को जब्त कर लेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि ये संपत्तियां किसी के द्वारा बेची या खरीदी न जाएं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल के दिनों में उन लोगों की संपत्ति भी कुर्क की है जो जानबूझकर आतंकवादियों को शरण देने के दोषी पाए गए हैं.
लोगों से आश्रय नहीं देने की अपील
हाल ही में एक बयान में, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने भी कश्मीर घाटी के स्थानीय लोगों से आतंकवादियों को समर्थन या आश्रय नहीं देने की अपील की है. मुझे उम्मीद है कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोग किसी भी राष्ट्रविरोधी तत्वों को आश्रय या समर्थन नहीं देंगे. बाकी काम पुलिस और सुरक्षा बल करेंगे. यह आतंकवाद के कारण ही है जो जम्मू-कश्मीर दशकों से लोग डर में जी रहा है लोगों को परेशान होना पड़ा है. और अब हम आपके समर्थन से पूरे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने का मन बना लिया है.
पारिस्थितिकी तंत्र पर ध्यान केंद्रित
इधर रक्षा सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा विशेषज्ञों ने सरकार को जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पाकिस्तान दोनों में आतंकी नेटवर्क और पारिस्थितिकी तंत्र पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि जब आतंकी समूहों के के नेटवर्क को झाड़ों से खत्म नहीं किया जाएगा तब तक जम्मू-कश्मीर आतंक मुक्त नहीं हो सकेगा.