तमिलनाडु में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी और एआईएडीएमके के ई. पलानीस्वामी (ईपीएस) खेमे के बीच की तकरार उभर कर सामने आ गई है. बताया जा रहा है कि इरोड पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले ईपीएस ने खुद को सहयोगी बीजेपी से अलग कर लिया है. पार्टी के दफ्तर पर लगे चुनावी पोस्टर्स से बीजेपी और बीजेपी के नेताओं के चेहरे गायब दिखे. यहां तक कि पोस्टर में पीएम मोदी का नाम भी गायब है.


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यहां तक कि गठबंधन का नाम भी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से बदलकर 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक प्रगतिशील गठबंधन' कर दिया गया है. इस बदलाव पर घंटों चुप्पी साधे रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रमुख अन्नामलाई ने कहा कि इसका जवाब जरूर दिया जाएगा.


'बीजेपी को उनकी औकात पता होनी चाहिए'


AIADMK के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर एक टीवी चैनल से कहा कि ईपीएस ने बीजेपी को एक स्पष्ट संदेश दिया है. उन्हें तमिलनाडु में अपनी औकात पता होनी चाहिए. प्रदेश की राजनीति में ईपीएस और बीजेपी की बीच ये सियासी घमासान जयललिता के निधन के बाद उस समय शुरू हुई जब, 234 सीटों वाले विधानसभा में 4 पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी ने खुद को मुख्य विपक्षी दल बताना शुरू कर दिया.


उपचुनाव में क्यों भिड़ते दिख रहे ईपीएस और बीजेपी?
AIADMK में दो गुट हैं. एक का नाम ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) है और दूसरे का नाम ई. पलानीस्वामी (EPS) है. यहां बीजेपी ईपीएस के साथ गठबंधन में है. हालांकि, इरोड पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में ओपीएस ने अपने कैंडिडेट के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने इस चुनाव में समर्थन करने को कहा है, अगर बीजेपी खुद का उम्मीदवार खड़ा करती है तो हम अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे.


ईपीएस और बीजेपी के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी को ओपीएस के इस बयान ने और आग दे दिया. इसके बाद ईपीएस के पोस्टर से बीजेपी और पीएम मोदी दोनों गायब हो गए और ईपीएस ने अपने गठबंधन का नाम भी बदल दिया. हालांकि, इस पर बीजेपी ने कहा है कि ईपीएस को करारा जवाब दिया जाएगा.


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