अहमदाबाद : द्वारका शक्तिपीठ के महंत स्वामी सदानंद सरस्वती ने रविवार को दावा किया कि धरती पर पैदा लेने वाला हर इंसान सबसे पहले हिंदू के रूप में जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि भारत में बहुसंख्यक समुदाय धर्मांतरण का सबसे बड़ा भुक्तभोगी रहा है।


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स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा, ‘हर बच्चा हिंदू के रूप में जन्म लेता है और दुनिया उसे अन्य धर्म का तमगा देती है। हमारे वेदों ने यह साबित किया है कि व्यक्ति सबसे पहले हिंदू है और बाद में उसका अन्य धर्मों में धर्मांतरण होता है। हर मानव सनातनी या हिंदू था।’


संघ प्रमुख मोहन भागवत, गुजरात के मंत्री - सौरभ पटेल और प्रदीपसिंह जडेजा तथा संघ के 15,425 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में यहां आयोजित कार्यक्रम में सरस्वती ने कहा, ‘हमलोग (हिंदू) धर्मांतरण से सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं और अन्य इसके लाभार्थी हैं।’


सरस्वती ने कहा, ‘यदि भारत में हिंदू नहीं होते तो देश की अखंडता, संप्रभुता और एकता की रक्षा नहीं की जा सकती। आज धर्मांतरण चर्चा का विषय बन गया है। जो लोग इसके इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते वह धर्मांतरण पर बोल रहे हैं। आप इतिहास पढ़ें और पाएंगे कि हम (हिंदू) धर्मांतरण के सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं।’