UP के इस सीएम की शेरवानी का किस्सा कर देगा सोचने पर मजबूर! जानें वजह
नेताओं की राजनीति ही नहीं उनके निजी जीवन के किस्से भी हमेशा लोगों की चर्चा का केंद्र रहे हैं. फिर चाहे उनकी लग्जरी लाइफ हो या सादगी भरी जिंदगी.
नई दिल्ली: भारत देश वाकई विविधताओं का देश है, केवल अपनी संस्कृति, खान-पान, भौगोलिक स्थतियों, बोली के मामले में नहीं बल्कि यहां तक की राजनीति के मामले में भी. देश के अलग-अलग कोनों में अलग-अलग मुद्दे चुनावों में हार-जीत तय करते हैं. साथ ही राजनेताओं में भी कई तरह के रंग दिखाई देते हैं.
एक ओर ऐसे राजनेता भी हैं जिनके पास अकूत संपत्ति है तो कुछ ऐसे भी हैं जो सादे से 2 कमरों के घर में रहते हैं. कुछ राजनेताओं के पास ढेरों कपड़ों, महंगी ज्वैलरी, घड़ी, कारों का कलेक्शन मिलेगा तो कुछ बिल्कुल सादा जिंदगी जीने में भरोसा रखते हैं. आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से जुड़े रोचक किस्सों की कड़ी में एक ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री की बात करते हैं, जिनके पास केवल एक ही शेरवानी थी और हर खास मौके पर वे उसे ही पहनते थे.
जमीन से जुड़े नेता थे चौधरी चरण सिंह
यूपी के पूर्व सीएम चौधरी चरण सिंह की ईमानदारी और जनता की सेवा करने का अंदाज हमेशा मशहूर रहा है. आज भी चुनावों के समय में उनसे जुड़े किस्से लोगों की जुबान पर आ जाते हैं. वे ऐसे नेता थे, जिन्हें फिजूलखर्ची और लापरवाही बिल्कुल पसंद नहीं थी. वे खुद भी बहुत सादगी से जीवन जीते थे. उनकी शेरवानी से जुड़ा एक किस्सा तो कमाल का है.
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सीएम के पास थी केवल एक शेरवानी
चौधरी चरण सिंह की सादगी का आलम ये था कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब भी उनके पास केवल एक ही ऊनी शेरवानी थी. हर खास मौके पर वे उसे ही पहन लेते थे. वह शेरवानी भी काफी पुराना थी. एक बार उनकी शेरवानी एक जगह से फट गई, तब भी उन्होंने नई शेरवानी लेने की बजाय उसे टेलर के पास रफू कराने भेज दिया. लेकिन जब चौधरी साहब का स्टाफ शेरवानी वापस लेने पहुंचा तो दर्जी ने उसे टाल दिया. कई दिनों तक दर्जी कुछ दिन बाद शेरवानी ठीक करने की बात कहकर टालता रहा. आखिर में दर्जी ने डरकर बताया कि उससे वह शेरवानी कहीं गुम हो गई है.
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तब मजबूरी में ली नई शेरवानी
जैसे-तैसे हिम्मत करके स्टाफ के लोगों ने मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह को यह बात बताई. चौधरी साहब को लापरवाही और फिजूलखर्ची बिल्कुल पसंद नहीं थी लेकिन अब मुसीबत ही ऐसी थी कि उन्हें आखिर में नई शेरवानी बनवाने का फैसला लेना पड़ा. इस तरह उनकी नई शेरवानी बनी और फिर उन्होंने उसे भी कई सालों तक पहना.
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