Excessive Salt Intake: भारतीयों के साथ जानलेवा नमकीन साजिश! WHO की चेतावनी, ये करके बचेगी 70 लाख की `जान`
Salt Intake Heart Disease: भारतीय बाजारों में जरूरत से ज्यादा नमक (Excessive Salt) वाले प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं. भारतीयों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है. इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है.
Salt Intake Calculator: आज हम आपको जो आंकड़े बताने जा रहे हैं वो आपके खाने का जायका कम कर सकते हैं. आपका स्वाद फीका कर सकते हैं लेकिन ये आंकड़े हम आपके लिए इसीलिए जुटा कर लाए हैं कि आपका खाना भले ही फीका हो जाए लेकिन आपका जीवन सलामत रहे और आप सेहतमंद रहें. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 18 लाख 90 हजार लोग ज्यादा नमक (Salt) खाने की वजह से मारे जा रहे हैं. इस रिपोर्ट में WHO ने चेतावनी देते हुए ये भी बताया है कि नमक क्यों जानलेवा साबित हो रहा है. इस रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की केवल 3 फीसदी आबादी ही नमक की सही मात्रा का सेवन कर रही है.
जरूरत से ज्यादा नमक खाना है जानलेवा
रिपोर्ट के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा नमक हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों की वजह बन रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस समय दुनिया का प्रति व्यक्ति नमक का इस्तेमाल 10.8 ग्राम है जबकि WHO ने नमक की प्रति व्यक्ति खपत की सीमा अधिकतम 5 ग्राम रखी हुई है. लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ते हुए WHO ने सिफारिश की है कि 18 साल से ज्यादा के लोग 5 ग्राम से भी कम नमक खाने का टारगेट रखें और बच्चों के मामले में ये मात्रा और भी कम हो.
दिल की बीमारियों से मौतों को कर सकते हैं कम
WHO के मुताबिक, अगर नमक की मात्रा को कम किया जा सका तो हर साल दुनियाभर में दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों को काफी कम किया जा सकेगा. WHO के अनुमान के मुताबिक, 2025 तक 22 लाख लोगों की जान बच सकती है और कम नमक के इस्तेमाल से 2030 तक तकरीबन 70 लाख लोग बचाए जा सकेंगे जो अभी ज्यादा नमक की वजह से दिल के मरीज हो रहे हैं और जान दे रहे हैं. यानी फिलहाल होने वाली मौतों में 3 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकेगी.
भारत को मिली ये रेटिंग
इस रिपोर्ट में देशों को नमक कम करने की पॉलिसी के आधार पर स्कोर दिया गया है. ये स्कोर 1 से 4 के बीच है. 1 सबसे कम है और 4 सबसे ज्यादा स्कोर है. 1 में वो देश हैं जिन्होंने नमक कम करने को लेकर प्रतिबद्दता दिखाई है. 2 के स्कोर में वो देश हैं जिन्होंने नमक कम करने को लेकर कुछ कदम तो उठाए लेकिन वो कदम वॉलंटरी यानी स्वैच्छिक हैं, अनिवार्य नहीं हैं. साथ ही उन देशों में पैकेट बंद खाने में सोडियम की मात्रा दर्शाई जा रही हो, भारत का स्कोर भी दो है. 3 का स्कोर उन देशों को मिला है जिन्होंने अनिवार्य नियम बनाकर खाने में नमक कम करने की कोशिश की है. और 4 का स्कोर उन देशों का है जिन्होंने कम से कम दो अनिवार्य पॉलिसी नियम बनाए जिनसे नमक की मात्रा को रेगुलेट किया जा सके, पैकेज्ड फूड में सोडियम की मात्रा दर्शाई.
WHO ने दी ये चेतावनी
WHO के मुताबिक, भारत में पैकेट बंद खाने पर नमक की मात्रा तो लिखी जाती है लेकिन पैकेट के फ्रंट पर यानी सामने की तरफ ज्यादा नमक होने की वॉर्निंग वाला लेबल लगाने की प्रैक्टिस अभी तक शुरू नहीं की गई. दरअसल, पैकेज्ड फूड चाहे वो चिप्स हों या नमकीन, उनमें साधारण से ज्यादा नमक डाला जाता है. नमक एक एडिक्टिव यानी आदत लगाने वाला पदार्थ है और जो खाना ज्यादा चटपटा होता है, उसकी लत जल्दी लग जाती है. इसी धारणा के चलते बाजार में ज्यादा चटपटे मसालों वाले चिप्स, नमकीन और बिस्किट्स बेचे जाते हैं.
आज हम आपकी ये गलतफहमी भी दूर कर देते हैं कि नमक केवल नमकीन चीजों के जरिए आप तक पहुंचता है. दरअसल नमक एक प्रिजरवेटिव भी है ये खाने को देर तक सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. और केक, पेस्ट्री यहां तक कि मीठे बिस्किट में भी कुछ मात्रा में नमक होता है. इसलिए कितना नमक खाएं और नमक की मात्रा कैसे कम करें, ये समझने के लिए आज हमने एक विश्लेषण किया है. इस विश्लेषण में नमक की मात्रा उतनी है जो आपके जीवन को सेहतंद बनाए. नमक अब स्वाद अनुसार नहीं, स्वास्थय अनुसार खाएं.
ग्राहक बाजार का राजा होता है और ये राजा किसे मिलेगा इसके लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमाए जाते हैं. खाने में स्वाद बनाने के लिए चाट मसाला, तेज नमक ये बाजार का वो पैंतरा है जो सदियों से आजमाया जा रहा है क्योंकि बाजार को आपकी सेहत से ज्यादा मुनाफे की परवाह है. आपको पता भी नहीं चल रहा और आपके साथ जानलेवा नमकीन साजिश हो रही है. इसीलिए WHO ने अपनी नई रिपोर्ट में नमक को सफेद जहर माना है.
अपनी Global Report On Sodium Intake Reduction में WHO ने सावधान किया है कि नमक आपको बहुत बीमार कर रहा है. एक चिप्स का पैकेट, एक बिस्किट का पैक या बस एक पैकेट भुजिया आपको लगता होगा कि आपने खाया ही क्या है? लेकिन 30 ग्राम का एक छोटा सा चिप्स का पैकेट भी आपकी दिनभर की जरूरत का दोगुना नमक आपको दे जाता है. ज्यादा नमक से हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है. दिल की बीमारी हो सकती है. किडनी की बीमारी हो सकती है. हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. बाल झड़ने लगते हैं. त्वचा खराब होने लगती है. भारत में दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी करने में भारत के नमक वाले स्वाद का भी हाथ है.
लेकिन खाने में नमक ना हो तो स्वाद नहीं आता, इसलिए लोग घरों में हर तरह के नमकीन ऑप्शन्स रखते हैं. तो नोट कीजिए कि आपको दिनभर में सिर्फ 5 ग्राम नमक खाना है. कुल मिलाकर 5 ग्राम. अगर 5 ग्राम का हिसाब मुश्किल हो तो ये समझ लीजिए कि एक छोटा चमच्च नमक आपको दिन भर में खाना है. इससे पहले कि आप और हिसाब लगाएं, अगली जानकारी भी नोट कीजिए.
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (George Institute For Global Health) के मुताबिक, 100 ग्राम चिप्स के पैकेट में तकरीबन 2.5 ग्राम नमक होता है. 100 ग्राम पापड़ में 2 ग्राम नमक होता है. 100 ग्राम सॉस, कैचप या स्प्रेड में 5 ग्राम नमक होता है. एक प्लेट मसाला डोसा में 4.5 ग्राम नमक होता है. एक प्लेट पाव भाजी में 3.54 ग्राम नमक होता है. छोले भटूरे की एक प्लेट में 3.91 ग्राम नमक होता है.
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