विशाल पांडे, नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के बारे में एक नई और एक्सक्लूसिव जानकारी सामने आई है. जी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक AMU को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा ही नहीं मिला हुआ है. जी हां, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान आयोग (NCMEI) ने SC आयोग को बताया कि AMU को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिया गया है. आपको बता दें कि NCMEI ने SC आयोग को चिट्ठी लिख कर AMU के बारे में यह खास जानकारी दी है. Zee News के पास वह Exclusive पत्र मौजूद है.


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एससी आयोग ने पूछा था सवाल
आपको बता दें कि 6 जुलाई को एससी आयोग ने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान से पूछा था कि क्या AMU को Minority Status प्राप्त है? जिसके बाद अपने जवाब में NCMEI ने चिट्ठी में लिखा है कि जामिया मिलिया इस्लामिया को अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को नहीं. गौरतलब है कि 3 जुलाई को SC आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया ने AMU में SC-ST-OBC छात्रों के आरक्षण के लिए अलीगढ़ में बैठक की थी.


पिछले 10 सालों में AMU को मिले 7 हजार करोड़ रुपये
वहीं अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान आयोग के इस जवाब पर Zee News से बातचीत करते हुए SC आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अब तो सब कुछ साफ हो गया कि AMU अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त विश्वविद्यालय नहीं है. पिछले 10 सालों में लगभग 7,000 करोड़ रुपये का फंड AMU को केन्द्र सरकार ने दिया है. 2017-18 में ही 1106 करोड़ रुपये की ग्रांट AMU को दी गई थी. जब अल्पसंख्यक आयोग ने यह कहा है कि AMU को Minority Status नहीं है तो तत्काल आरक्षण लागू होना चाहिए.


सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है
यह मामला तब फिर से चर्चा में आया जब सांसद सतीश कुमार गौतम ने AMU के वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखकर कहा कि यूनिवर्सिटी में एससी और एसटी के लिए आरक्षण को लागू किया जाए. इस बीच केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय नहीं है.


रमाशंकर कठेरिया ने AMU के सह कुलपति से चर्चा की
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया आरक्षण के सिलसिले में बात करने के लिए 3 जुलाई को अलीगढ़ पहुंचे थे. अलीगढ़ में रामशंकर कठेरिया ने जिले के अफसरों के साथ AMU में आरक्षण को लेकर चर्चा की. इस बैठक में एएमयू के सह कुलपति प्रोफेसर तबस्सुम शहाब भी शामिल थे.