EXCLUSIVE: हार्ट अटैक से बचने के लिए पहचाने ये लक्षण, जानिए कैसे मिलेगा डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट
अक्सर तेज पसीने के साथ सीने में तेज दर्द या हार्ट अटैक आने के बाद लोग अपनी हृदय संबंधी बीमारी के बाबत सतेच होते हैं. लेकिन, तब तक आपका हार्ट पूरी तरह से कमजोर हो चुका होता है.
नई दिल्ली: हृदय रोग की बीमारी अब उम्र दराज के साथ-साथ नौजवानों को तेजी से अपना शिकार बना रही है. दिक्कत यह है कि लोगों का ध्यान इस बीमारी की तरफ उस वक्त जाता है, जब उनका हृदय पूरी तरह से कमजोर हो चुका होता है. ऐसी स्थिति में कई बार हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को हार्ट अटैक जैसी स्थित का समाना करना पड़ता है. गनीमत है कि बेहतर होती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते हार्ट अटैक का शिकार हुए बहुत सी जिंदगी को सफलता पूर्वक बचा लिया गया है, लेकिन ऐसे हमारे देश में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिनको हार्ट अटैक की वजह से अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है.
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के हृदय विशेज्ञष विशेषज्ञ के डॉ. अमित मित्तल अनुसार, हृदय अपने बीमार होने की दस्तक बेहद शुरूआती दौर पर देना शुरू कर देता है. समस्या यह है कि लोग हृदय की इन दस्तकों को या तो नजरअंदाज कर देते हैं या फिर सामान्य बीमारी मानकर खुद ही उसका इलाज शुरू कर देते हैं. ऐसे स्थिति में, दिन ब दिन कमजोर होता हृदय एक दिन हार्ट अटैक के तौर पर अपनी आखिरी दस्तक दे देता है. जिसके बाद, मरीज की जिंदगी को बचाने का प्रतिशत बहुत सीमति रह जाता है. उन्होंने बताया कि हृदय की बीमारी से पीड़ित हार्ट अटैक जैसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो उन्हें उन लक्षणों को पहचाना होगा, जो आपके हृदय को लगाकार कमजोर होने का संकेत दे रहे हैं.
हृदय की बीमारी के क्या हैं संकेत
01. बेचैनी या घबराहट
02. हाथ, कमर, गर्दन, जबड़े में दर्द
03. खाने के कुछ देर बाद पेट में दर्द
04. सांस लेने में तकलीफ
05. तेज पसीना आना
06. उल्टी की शंका होना
07. चक्कर आना
08. व्यायाम के बाद सीने में दर्द
09. भारी काम करने के बाद सीने में दर्द
10. दिल की धड़कनों का असामान्य होना
कब और कैसे करें डॉक्टर से संपर्क
हृदय विशेज्ञष विशेषज्ञों के अनुसार, उपरोक्त दस लक्षणों में जब भी कोई भी दो लक्षण एक साथ महसूस होने पर मरीज को अपने करीबी हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. यदि आप दिल्ली के दस बड़े अस्पतालों में अपना इलाज कराना चाहते हैं, तो परेशानी से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. जिसमें सबसे अहम अपने डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट लेना है. अपने डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट लेने के कई तरीके हैं. पहला तरीका वेबसाइट है. सभी प्रमुख अस्पतालों ने अपने हृदय विशेषज्ञों की सूची अपनी वेबसाइट में डाल रखी है. आप अपने पसंदीदा डाक्टर के पेज पर जाकर, वहां से ऑन-लाइन अप्वाइंटमेंट बुक करा सकते हैं. दूसरा तरीका, अस्पताल का फोन नंबर है, जिस पर आप कॉल कर डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट बुक करा सकते हैं.
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आपात स्थिति में हॉस्पिटल की इमरजेंसी जाना है बेहतर
आपको तेज बेचैनी, सीने में तेज दर्द, घबराहट जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आपको हॉस्पिटल की इमरजेंसी में जाना चाहिए. जांच के बाद इमरजेंसी के ड्यूटी डॉक्टर हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर इलाज शुरू कर देंगे. यदि आपने पसंद के डॉक्टर को ही दिखाना चाहते है तो इस बाबत आप इमरजेंसी के ड्यूटी डॉक्टर को बता सकते हैं. यदि आप सीनियर डॉक्टर को सीधे दिखाना चाहते हैं तो आपके लिए रेफरेंस लेटर जरूरी है. इसके लिए, वर्तमान में इलाज कर रहे डॉक्टर आपको विशेषज्ञ डॉक्टर को रिफर कर सकते हैं. इसी रेफरेंस के जरिए आप सीनियर डॉक्टर से अपनी बीमारी का इलाज करा सकते हैं.
AIMM APP से मिलता है इन तीन हॉस्पिटल का अप्वाइंटमेंट
हृदय रोग विशेषज्ञों का अप्वाइंटमेंट लेने के लिए अब आप एम्स के मोबाइल ऐप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस मोबाइल ऐप का नाम 'THE AIIMS APP' है. इसे गूगल प्ले स्टोर या एम्स की आधिकारिक वेबसाइट से हासिल किया जा सकता है. यह ऐप एम्स के पुराने मरीजों के साथ नए मरीज भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऐप के इस्तेमाल से पहले आपको अपना रजिस्ट्रेशन इसी 'THE AIIMS APP' में कराना होगा. इसके बाद, हृदय रोग विभाग का विकल्प चुनकर आप अपना ऑन लाइन अप्वाइंमेंट करा सकते हैं. इस ऐप के जरिए डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल और दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट का भी अप्वाइंटमेंट लिया जा सकता है.
ऐसी स्थिति में नहीं मिलगा 30 दिनों तक नया अप्वाइंटमेंट
'THE AIIMS APP' के जरिए ऑन लाइन अप्वाइंटमेंट लेने वाले मरीजों को ध्यान रखना होगा कि आप एक बार ऑन लाइन अप्वाइंटमेंट लेकर डॉक्टर को दिखाने नहीं जाते हैं तो आपको अगले 30 दिनों तक एम्स कोई नया अप्वाइंटमेंट नहीं देगा. इससे बचने के लिए आप को अपना ऑन लाइन अप्वाइंटमेंट करीब 24 घंटे पहले रद्द कराना होगा.