Corona Second Wave: कोरोना पर लगाम के लिए क्या फुल लॉकडाउन की जरूरत? एक्सपर्ट ने दिए जवाब
आपको बताते चलें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले मंगलवार देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि देशव्यापी या राज्यव्यापी तालाबंदी आखिरी विकल्प होना चाहिए, क्योंकि कोरोना गाइडलाइंस (Covid-19 Protocol) का पालन करना केवल लॉकडाउन (Lockdown) करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. केंद्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, संबंधित विभाग और सेना युद्ध स्तर पर महामारी से लड़ रहे हैं. पिछले कई दिनों से लगातार तीन लाख से ऊपर नए कोरोना केस सामने आए हैं. मंगलवार को देश में नए केस के आंकड़े में कुछ कमी आई, बीते 24 घंटे में 3,23,144 नए केस मिले वहीं 2771 की मौत हो गई. ऐसे में कुछ विशेषज्ञ देश में एक बार फिर पूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) को जरूरी बता रहे हैं.
पूर्ण लॉकडाउन की सलाह
देश के कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश में एक बार फिर से पूरी तरह से लॉकडाउन (Full Lockdown) लगा देना चाहिए तभी हम कोरोना की चेन तोड़ने में कामयाब होंगे. यानी अब एक्सपर्ट लॉकडाउन को ही हालात संभालने का रामबाण उपाय बता रहे हैं.
वहीं कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि संपूर्ण तालाबंदी से परेशानी बढ़ जाएगी, हालांकि जहां संक्रमण की रफ्तार बेकाबू है वहां फुल लॉकडाउन जरूरी है.
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लॉकडाउन आखिरी विकल्प: PM
आपको बताते चलें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले मंगलवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि देशव्यापी या राज्यव्यापी तालाबंदी अंतिम विकल्प होना चाहिए, क्योंकि कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना केवल लॉकडाउन लागू करने से अधिक महत्वपूर्ण है.
तो अब सवाल यह उठता है कि क्या कोविड श्रृंखला को तोड़ने का आखिरी रास्ता बचा है? क्या फुल लॉकडाउन कुछ ही क्षेत्रों में होना चाहिए?
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फुल लॉकडाउन पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आपको बता दें कि इस विषय पर इंडिया टुडे से बात करते हुए, PHFI बेंगलुरु में लाइफकेयर एपिडेमियोलॉजी, के प्राध्यापक और चीफ, डॉक्टर गिरिधर बाबू ने कहा कि फुल लॉकडाउन (Full Lockdown) कोरोना से बचाव का एकमात्र रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि, कोरोना की रफ्तार और इसके ट्रांसमिशन को देखने हुए फैसला लेना चाहिए.
फिलहाल जहां ज्यादा मामले हैं वहां लॉकडाउन की जरूरत है ताकि चेन तोड़ी जा सके. हमें संख्या को कम करने के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर भी ध्यान देना चाहिए. डॉक्टर ने ये भी कहा कि अगर आप कोरोना के ट्रांसमिशन के बारे में अच्छी तरह से पता नहीं लगा पाते हैं, तो फुल लॉकडाउन से कुछ नहीं होगा.
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'वैक्सीनेशन अभियान हो सकता है प्रभावित'
वहीं फुल लॉकडाउन पर डॉक्टर विशाल राव, सदस्य, विशेषज्ञ समिति, कोविड टास्क फोर्स, गवर्नमेंट ऑफ कर्नाटक, ने कहा कि लॉकडाउन से देश में चल रहा टीकाकरण अभियान प्रभावित हो सकता है. इसलिए हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए रणनीति बदलनी होगी.
इसी बातचीत को आगे बढ़ाते हुए डीबीटी / वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस, नई दिल्ली के वायरोलॉजिस्ट और सीईओ डॉक्टर शाहिद जमील ने कहा, 'फुल लॉकडाउन नहीं होना चाहिए. हमें कोरोना के सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन में ही फुल लॉकडाउन की जरूरत है. हमने देखा कि रोजी-रोटी चलाने के लिए पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान कैसे हालात हुए थे, इसीलिए इस समय संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी.'
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