Crime News: उत्तर प्रदेश के नोएडा की कोतवाली फेज-3 पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह अमूल जैसी ब्रांडेड कंपनियों के रैपर और पैकिंग में सस्ती और कम गुणवत्ता वाली कंपनियों के मक्खन-घी शहर और आसपास के कस्बों में बेचता था. पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के 6 अन्य सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस को आरोपियों के पास से 65 लाख का मक्खन नामी ब्रांड के रैपर और नकली घी-मक्खन बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बरामद हुई है.


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संजय, राजकुमार, आसिफ, साजिद और दीपक ब्रांडेड कंपनियों के रैपर में लपेटकर नकली और सब्सटैंडर्ड मक्खन की सप्लाई कर रहे थे. इस गिरोह को संजय और राजकुमार चला रहे थे. इस मामले में फरार चल रहे 6 आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश दे रही है. डीसीपी नोएडा सेंट्रल रामबदन सिंह ने बताया कि पुलिस की सूचना पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने पकड़े हुए मक्खन का सैंपल जांच के लिए भेजा है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस ने ऐसे किया भंडाफोड़
 
डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस और बीट पुलिसिंग के जरिए सूचना मिली थी कि कुछ लोग जीटी 58 सेक्टर 70 के एक मकान में नकली घी और मक्खन बनाने का कारोबार कर रहे हैं. सूचना पर टीम गठित कर छापा मारा गया. इस दौरान गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मौके से 65 लाख के मक्खन नामी ब्रांड के रैपर और नकली घी-मक्खन बनाने का सामान बरामद किया है. 


कैसे लगाएं नकली घी का पता?


  • घी शुद्ध है या नहीं, यह पता करने के लिए उसमें 4 या 5 बूंद आयोडीन की मिलाएं. अगर घी का रंग नीला हो जाए तो वह मिलावटी है या फिर उसमें आलू मिलाया गया है.

  • दूसरा रास्ता है कि एक चम्मच घी किसी बर्तन में निकाल लें. इसके बाद पर थोड़ा हायड्रोक्लोरिक एसिड और 1 पिंच चीनी डालकर मिक्स कर लें. अगर इसका रंग लाल पड़ जाए तो इसमें मिलावट की गई है.

  • तीसरा तरीका है कि थोड़ा सा घी हाथों की हथेलियों में लेकर रब करें और सूंघें. अगर कुछ देर बाद स्मेल आनी बंद हो जाए तो मतलब है कि घी प्योर नहीं है.