गुवाहटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को असम विरोधी बताकर 'गलत तस्वीर' पेश की जा रही है. उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी और उनकी भाषा तथा संस्कृति को कोई खतरा नहीं होगा. 


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वहीं विधेयक के विरोध में पूर्वोत्तर भारत में करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन चल रहा है. विधेयक के विरोध में बारपेटा जिले में राज्य के वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा को काला झंडा दिखाया गया. विधेयक के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.


सोनोवाल ने असम साहित्य सभा और स्थानीय समुदायों की साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि सरकार ‘‘स्थानीय लोगों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और असम समझौते की उपधारा 6 को उपयुक्त तरीके से लागू किया जाएगा.’’ 


असम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह राष्ट्रीय नीति है कि पड़ोसी देशों के छह धर्मों के लोग भारत में नागरिकता की मांग कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'लेकिन विभिन्न एजेंसियों द्वारा गलत सूचना और अफवाह फैलाई जा रही है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 के कानून बन जाने से काफी संख्या में विदेशी राज्य में चले आएंगे.' 


वहीं असम पुलिस ने बताया कि बारपेटा में आसू, कृषक मुक्ति संग्राम समिति और एजेवाईसीपी के 20 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने गए वित्त मंत्री सरमा को काला झंडा दिखाने और सड़क मार्ग बाधित करने का प्रयास किया.


विधेयक के विरोध में राज्य के सिवसागर में छात्र प्रदर्शनकारियों ने दो घंटे 'गण हड़ताल' किए और अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहन नहीं चले. सिवसागर के नजीरा शहर में विधेयक के विरोध में टायर जलाकर कुछ समय तक मुख्य मार्ग को बाधित किया गया. छात्र संगठनों ने भी विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अलग-अलग तरीके से विरोध किया.


अरूणाचल प्रदेश में विधेयक के विरोध में कांग्रेस 24 जनवरी को पूरे राज्य में धरना- प्रदर्शन करेगी. अरूणाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष टकम संजॉय ने विधेयक को 'भेदभावकारी, सांप्रदायिक, अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी और सख्त' बताया. उन्होंने कहा कि राज्य शरणार्थी की समस्या से जूझ रहा है और विधेयक लागू होने के बाद अरूणाचल पर इसका सबसे बुरा असर होगा. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में 24 जनवरी को पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.


(इनपुट - भाषा)