हिमाचल की बेटी शव्या ने बताया 500 में से 490 अंक प्राप्त करने का फॉर्मूला!
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हिमाचल की बेटी शव्या ने बताया 500 में से 490 अंक प्राप्त करने का फॉर्मूला!

Himachal Pradesh News: सोमवार को हिमाचल बोर्ड की ओर से 12वीं क्लास का बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया. इस बार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जसूर की 12वीं कक्षा की शव्या ने कॉमर्स स्ट्रीम में 500 में से 490 अंक हासिल किए, जिसके बाद शव्या को स्कूल प्रबंधन ने किया और परिवार को बधाई दी.  

हिमाचल की बेटी शव्या ने बताया 500 में से 490 अंक प्राप्त करने का फॉर्मूला!

भूषण शर्मा/नूरपुर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जसूर की 12वीं कक्षा की शव्या ने कॉमर्स स्ट्रीम में 500 में से 490 अंक हासिल कर परिवार और विद्यालय का नाम रोशन किया है. इसके लिए शव्या को स्कूल प्रबंधन ने सम्मानित किया है. स्कूल प्रशासन ने शव्या को सम्मानित करते हुए कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है.

स्कूल प्रधानाचार्य अनिल कुंद्रा ने शव्या और उसके परिवारजनों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि शव्या एक होनहार छात्रा है. वह पूरी लगन से पढ़ाई करती थी. अनिल कुंद्रा ने गर्व महसूस करते हुए कहा कि उन्होंने शव्या की माता को भी पढ़ाया है और आज शव्या भी इस स्कूल से पढ़कर पूरे हिमाचल में प्रथम आई है.

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शव्या के कॉमर्स के लेक्चरार संदीप ने बताया कि हमारे विद्यालय की छात्रा शव्या ने पूरे प्रदेश में अपने और अपने परिवार के साथ हमारा भी नाम रोशन किया है. शव्या शुरू से मेहनती है और इसके लिए सभी शिक्षक उसके माता-पिता और शव्या को बधाई देते हैं. 

अकाउंट के अध्यापक राकेश ने बताया कि यह शव्या की कड़ी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद से ही संभव हो पाया है कि हमारे स्कूल की बच्ची ने इस मुकाम को हासिल किया है. मैं इसके लिए सभी को बधाई देता हूं और शव्या के बेहतर भविष्य की भी कामना करता हूं कि जो सपना इस बच्ची ने संजोया है वह पूरा हो.

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शव्या ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं इसका सबसे ज्यादा श्रेय अपनी मां को देना चाहती हूं, क्योंकि मेरी मां मुझे घर का काम भी नहीं करने देती हैं. बस मुझे पढ़ाई पर फोकस करने के लिए कहती हैं. इसके अलावा मेरे अध्यापक संदीप सर, राकेश सर, सलीम सर का हमेशा से ही सपोर्टिंग रोल रहा है. शव्या ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं हमेशा बहुत सारे प्रश्न करती थी, लेकिन इन्होंने कभी भी गुस्सा नहीं दिखाया. हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है. मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने सभी अध्यापकों को देना चाहती हूं. 

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