Farmers Protest: किसान बना रहे हैं 2024 तक प्रदर्शन का प्लान, राकेश टिकैत ने कहा- खेती भी चलेगी और आंदोलन भी
नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम तो मई 2024 तक आंदोलन करने का रोड मैप बना रहे हैं.
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 44वें दिन भी जारी है. किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार (आज) दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में 8वें दौर की बातचीत होनी है. चर्चा से पहले भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि कानून खत्म होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
किसान बना रहे 2024 तक प्रदर्शन का प्लान
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने Zee News से बात करते हुए कहा कि हम तो मई 2024 तक आंदोलन करने का रोड मैप बना रहे हैं. हम ऐसी प्लानिंग कर रहे हैं ताकि खेती भी चलती रहेगी और आंदोलन भी चलता रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि किसानों ने सरकार से कह दिया है हमें ये कानून नहीं चाहिए, आप कानून खत्म करें.
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'बैठक में सरकार देगी फॉर्मूला'
सरकार के साथ मीटिंग से पहले राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हमारे पास कोई फॉर्मूला तो है नहीं. सरकार के पास बहुत ज्ञानी लोग है और वो फॉर्मूला लेकर आएंगे. हमने सरकार को बता दिया है बिल वापसी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून और स्वामी नाथन की रिपोर्ट के बिना बात नहीं बनेगी.
कोरोना नियमों पालन करने पर कही ये बात
राकेश टिकैट ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर भी बात की, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि किसान आंदोलन में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किए जाने के कारण निजामुद्दीन के मरकज की तरह हालात हो सकते हैं. इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम कोरोना का पूरा ध्यान रख रहे हैं और सफाई रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार को भी नियमों का पालन करने का निर्देश देना चाहिए. बिहार चुनाव में कोरोना नियम की धज्जियां उड़ाई गईं और झारखंड में रोड मार्च निकाल रहे हैं.
आज होनी है 8वें दौर की बातचीत
किसानों और सरकार के बीच सोमवार (4 जनवरी) को सातवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी और अब 8वें दौर की बातचीत आज (8 जनवरी) दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में होगी. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. जबकि सरकार कानूनों की खामियों वाले बिंदुओं में संशोधन करना चाह रही है. इससे पहले 30 दिसंबर को हुई छठे दौर की बाचतीत में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए सहमति बनी थी.
किसानों ने निकाली थी ट्रैक्टर रैली
कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुवार (7 जनवरी) को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकाला था. किसानों ने ट्रैक्टर मार्च सिंघु बॉर्डर से टीकरी, टीकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह ट्रैक्टर मार्च को 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल है. बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में टैक्टर परेड निकालने की चेतावनी दी है.
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