नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ पिछले करीब तीन महीने से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बार फिर सरकार को धमकी दी है. टिकैत ने कहा कि सरकार ने उन्हें रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगा दी हैं. वे एक-एक कील हटाए बिना वहां से वापस नहीं जाएंगे. 


हमारे कार्यकर्ता भी डंडे लेकर चलेंगे- टिकैत


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राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि RSS वाले डंडे लेकर चलते है तो हमारे कार्यकर्ता भी डंडे लेकर चलेंगे. जब तक सरकार अपने RSS कार्यकर्ताओं को नहीं रोकेगी, तब तक हमारे कार्यकर्ता भी ऐसे ही लाठी-डंडों से लैस रहेंगे. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को समझाया कि ये (सरकार) कुछ भी अफवाह फैला सकते हैं लेकिन उनके झांसे में नहीं आना है. 


राकेश टिकैत के रोने से गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी भीड़ 


टिकैत (Rakesh Tikait) ने धमकी दी कि ये आंदोलन (Farmers Protest) तब तक जारी रहेगा, जब तक भारत सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले लेती है. बता दें कि शुरूआती दो महीने में आंदोलन का प्रमुख केंद्र दिल्ली का सिंघु बॉर्डर बना रहा. लेकिन 26 जनवरी की हिंसा के बाद जब सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर शिकंजा कसा तो 28 जनवरी को राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) के अपने धरने में रोने लगे. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें मरवाने की प्लानिंग कर रही है. 


किसान आंदोलन के नए 'पोस्टर ब्वॉय' बने राकेश टिकैत


टिकैत (Rakesh Tikait) के रोने के बाद से आंदोलन का सारा फोकस गाजीपुर बॉर्डर पर शिफ्ट गया. विभिन्न दलों के नेता गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंचकर टिकैत को अपना समर्थन दे रहे हैं. वहीं मोदी सरकार से नाराज रहने वाले तमाम विरोधी भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर टिकैत की हौंसला अफजाई कर रहे हैं. आंदोलन के नए 'पोस्टर ब्वॉय' बने राकेश टिकैत अब रोजाना सरकार को नई-नई धमकियां देकर ताकत दिखाने में लगे हैं.


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टिकैत की 'अकूत' संपत्ति पर उठ रहे हैं सवाल


इसी बीच उनकी संपत्तियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक उनकी 13 राज्यों में करोड़ों रुपये की संपत्ति है. इनमें शोरूम, पेट्रोल पंप, फैक्ट्री और सैकड़ों बीघा जमीन भी शामिल है. उनके बच्चे विदेश में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. शुक्रवार को जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि उनकी प्रॉपर्टी तो हरेक राज्य में हैं. देश के सभी किसानों की संपत्ति उनकी संपत्ति है. 


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