नई दिल्ली: दिल्ली-सोनीपत के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक यूनियन ने आरोप लगाया है कि सरकार ने जान बूझकर हमारे नेता को बैठक में नहीं बुलाया. क्रांतिकारी किसान यूनियन (Krantikari Kisan Union) और कुछ और किसानों ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार किसानों के बीच फूट डालना चाहती है. किसानों ने 5 दिसंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है. 


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किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार की कोशिश है कि किसान सगठनों को बांट दिया जाए जिससे ये आंदोलन कमजोर हो जाएगा. क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि हम सरकार को अपनी तरफ से सभी बिंदुओं को लिखकर भेज देंगे. सरकार उनको माने या न माने. हमारी मांग है कि सरकार सदन बुलाकर इन कानूनों को रद्द करे. 


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सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का कहना है कि हमारा संघर्ष जारी रहेगा. केरल ये यूपी तक, राजस्थान से ओडिशा तक के किसानों ने बैठक कर कहा है कि हम इस संघर्ष को आगे लेकर जाएंगे. दर्शन पाल का कहना है कि राकेश टिकैत ने हमें आश्वासन दिया है कि वो हमारे साथ हैं. 


उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को हम हम सभी कॉर्पोरेट्स के खिलाफ पुतला दहन करेंगे, हम केंद्र सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर को नेशनल अवॉर्ड वापस करेंगे. 


उधर, चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसान नेता भानु प्रताप सिंह का कहना है कि जब तक हमारी PM मोदी से आमने-सामने बैठकर बात नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जब हरियाणा-पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोका गया तो हमने जल्दबाजी में दिल्ली कूच किया. हम तैयारी से नहीं आए थे लेकिन अब यहीं चिल्ला बॉर्डर पर रहेंगे और तैयारी करते रहेंगे.