भारत में 1 दिन में HMPV के 5 नए केस, मंडराया बड़ा खतरा; इस बीच ICMR ने दे दी डराने वाली चेतावनी
Advertisement
trendingNow12590233

भारत में 1 दिन में HMPV के 5 नए केस, मंडराया बड़ा खतरा; इस बीच ICMR ने दे दी डराने वाली चेतावनी

HMPV Virus: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर (ICMR) ने डराने वाली चेतावनी दी है और कहा है कि वायरस भारत सहित दुनियाभर में पहले से ही 'प्रसारित' हो चुका है.

भारत में 1 दिन में HMPV के 5 नए केस, मंडराया बड़ा खतरा; इस बीच ICMR ने दे दी डराने वाली चेतावनी

HMPV Cases in India: चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी (HMPV) भारत में दस्तक दे चुका है और वायरस एक दिन के भीतर देश में 5 बच्चों को अपनी चपेट में ले चुका है. बेंगलुरू से एचएमपीवी के दो मामले सामने आए हैं, जबकि गुजरात में एचएमपीवी के संक्रमण का एक केस सामने आया है और चेन्नई में 2 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर (ICMR) ने डराने वाली चेतावनी दी है और कहा है कि वायरस भारत सहित दुनियाभर में पहले से ही 'प्रसारित' हो चुका है. हालांकि, आईसीएमआर ने कहा कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है.

इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों में असामान्य वृद्धि नहीं

इसके साथ ही आईसीएमआर (ICMR) ने राहत वाली बात कही है और बताया है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. आईसीएमआर ने कहा, 'इस बात पर जोर दिया जाता है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है और एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में रिपोर्ट किए गए हैं. इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.' समें यह भी कहा गया कि जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है, वहीं आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण के रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा.

fallback

बच्चों की चीन जाने की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली

बेंगलुरू में 8 महीने और 3 महीने के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण मिला है, जबकि गुजरात में 2 महीने का बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित मिला है. इन बच्चों में बुखार की शिकायत थी. हालांकि, इन बच्चों में चीन जाने की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है. एचएमपीवी का पहला मामला गुजरात में सामने आया है. अहमदाबाद में संक्रमित पाए गए बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण थे. प्राइवेट अस्पताल में इलाज के बाद बच्चा ठीक बताया जा रहा है, लेकिन प्राइवेट लैब में उसकी एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बच्चों को बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराने के बाद संक्रमण की पहचान की गई। दोनों बच्चों को ब्रोंकोनिमोनिया नामक निमोनिया का इतिहास था, जो फेफड़ों में संक्रमण का एक प्रकार है. ब्रोंकोनिमोनिया फेफड़ों और ब्रांकाई दोनों में एल्वियोली को प्रभावित करता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया, 'दोनों मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी, जो देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है.' मंत्रालय ने बताया कि बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि लड़का अब स्वस्थ है. मंत्रालय ने कहा, 'यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है.'

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Zee News (@zeenews)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय रख रहा मामले पर निगरानी

एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित विश्व स्तर पर देखने को मिल रहा है. वहीं एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले विभिन्न देशों, विशेष रूप से चीन में रिपोर्ट किए गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी प्रचलन में रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा.

2001 में पहली बार हुई थी इस वायरस की खोज

एचएमपीवी की पहली बार 2001 में खोज की गई थी और यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है. एचएमपीवी से जुड़े लक्षणों में आमतौर पर खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. इससे पहले, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि इस बीमारी से बुजुर्गों और बहुत छोटे बच्चों में "फ्लू जैसे लक्षण" हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है.'

गोयल ने श्वसन संक्रमण के खिलाफ नियमित सावधानी बरतने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा, 'अगर किसी को खांसी और जुकाम है, तो उसे बहुत से लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए, ताकि संक्रमण न फैले.' गोयल ने कहा, 'खांसने और छींकने के लिए अलग रूमाल या तौलिया का इस्तेमाल करें और जब भी सर्दी या बुखार हो, तो सामान्य दवाएं लें, अन्यथा मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news