नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Farm laws) के विरोध में आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे किसान संगठनों ने वार्ता के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक अब अगले दौर की वार्ता 30 दिसंबर को होगी. हालांकि किसानों ने यह भी कहा है कि केंद्र को अपने निमंत्रण में बैठक के एजेंडे के बारे में बताना चाहिए.


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एजेंडे का जिक्र नहीं?
संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा है कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित तारीख पर बैठक में भाग लेने के लिए किसान सहमत हो गए हैं. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 40 संगठनों का प्रतिनिधि मंडल सरकार से वार्ता करेगा. कोहाड़ ने से कहा, ‘सरकार को 26 दिसंबर को भेजे गए अपने पत्र में हमने स्पष्ट रूप से वार्ता के एजेंडे के तौर पर तीन कृषि कानूनों (New Farm law) को वापस लेने और एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी का जिक्र किया था, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने आज के पत्र में किसी विशिष्ट एजेंडे का जिक्र नहीं किया है.’


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बता दें, सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के बीच बेहद अहम बैठक हुई. इसी बैठक के बाद किसानों के साथ अगली बैठक को लेकर बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लया गया. केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को सूचित किया गया कि तीनों नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के साथ ही सरकार किसानों के उठाए गए मुद्दे- वायु गुणवत्ता और बिजली से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा करने के लिए तैयार है. संयुक्त सचिव विवेग अग्रवाल ने संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र भेज कर अवगत कराया कि नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच अगली बैठक 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में होगी. 

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