नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 40वें दिन भी जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें दौर की बातचीत जारी है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.


'मांगे पूरी होने तक खत्म नहीं होगा आंदोलन'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार के साथ बैठक से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'आज सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो आंदोलन खत्म नहीं होगा. जब तक सरकार एमएसपी (MSP) पर गारंटी और तीनों कानूनों को वापिस नहीं ले लेती, तब तक हम यहीं रहेंगे. चाहे सरकार कोई भी समिति गठित कर ले.' वहीं भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, 'मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को विचार करना चाहिए और किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए. सोनिया गांधी अपना ओपिनियन दे सकती हैं, लेकिन यह आंदोलन किसान के है और किसान ही जीतेगा.'


छठे दौर की बातचीत में इन 2 मुद्दों पर बनी थी बात


कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच हुई थी. लगभग पांच घंटे चली बैठक में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.


लाइव टीवी



किसानों को सरकार दे सकती है ये फॉर्मूला


किसानों और केंद्र के बीच 7वें दौर की बातचीत में सरकार बीच का रास्ता निकालने के लिए फॉर्मूला पेश कर सकती है. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर लिखित भरोसा देने के विकल्प पर विचार कर रही है. इसके अलावा तीनों कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर सरकार समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है और इस कमेटी में किसान संगठनों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.


13 जनवरी को कानूनों की प्रतियां जलाएंगे किसान


किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा, 'हम 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी (Lohri) का त्योहार मनाएंगे.' राय ने लोगों से अपील की कि वे छह से लेकर 20 जनवरी तक किसानों (Farmers Protest) के समर्थन में देशभर में धरना-प्रदर्शन आयोजित करें. उन्होंने कहा कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 23 जनवरी को 'आजाद हिंद किसान दिवस' के रूप में मनाएंगे.