नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के नाम पर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) को बीते 28 नवंबर से प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना रखा है. 28 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के आंसुओं के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी भीड़ की तुलना अगर आज से करें तो अब प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कमी आ चुकी है.


दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा


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साथ ही गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने भी सुरक्षा व्यवस्था चुस्त करके रखी है. कोई भी प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा के अंदर नहीं घुस पाए इसके लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 6-7 लेयर बैरिकेडिंग की है.


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दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेडिंग के ऊपर कटीले तार लगे हुए हैं. इसके साथ ही कंक्रीट के पत्थर के ऊपर भी कटीले तार लगे हैं, जिससे कोई भी प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर की मदद से दिल्ली की सीमा में नहीं घुस पाए.


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राकेश टिकैत ने किया था ये ऐलान


गौरतलब है कि कल शनिवार को ही चक्का जाम (Chakka Jam) के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी ना होने पर अपने आंदोलन को 2 अक्टूबर तक खींचने का ऐलान किया था, लेकिन अगले ही दिन यानी आज गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ काफी कम हो गई है.


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ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्र सरकार और किसान नेता आपसी बातचीत से इस गतिरोध को जल्द से जल्द खत्म कर पाते हैं या नहीं.


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