नई दिल्लीः दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में संत बाबा राम सिंह (Baba Ran Singh) ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. करनाल के सिंगड़ा गुरुद्वारा के संत राम सिंह ने सिंघु बॉर्डर के नजदीक कुंडली के पास अपने आप को गोली मार ली. मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि किसानों के समर्थन में संत राम सिंह ने खुदकुशी की है. उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठकर पिस्टल से खुद को गोली मार ली. जानकारी के मुताबिक संत राम सिंह दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को कंबल बांटने गए थे. 


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खुद को गोली मारने से पहले संत राम सिंह ने सुसाइड नोट लिखा. जिसमें उन्होंने लिखा कि किसानों का दर्द नहीं देखा जा रहा है. संत राम सिंह ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा, 'जुल्म सहना भी पाप है, देखना भी पाप है और उसे बर्दाश्त करना भी पाप है, मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि मैं इस स्थिति को देख नहीं पा रहा हूं.' 


सुसाइड नोट में आगे लिखा है, 'किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ अपने सम्मान लौटाए किसी ने पुरस्कार वापस किया. आज मैं किसानों के हक में और सरकारी जुल्म के रोष में आत्महत्या करता हूं. यह ज़ुल्म के खिलाफ आवाज है और किसान के हक में आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा ते वाहेगुरु जी की फतेह.'



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जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर किसानों का प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (Jaipur-Delhi Highway) को बुधवार चौथे दिन भी अवरुद्ध रखा जिसके चलते राजमार्ग पर परिवहन आंशिक रूप से प्रभावित रहा. राजस्थान-हरियाणा सीमा से सटे अलवर जिले के शाहजहांपुर कस्बे के पास इस मार्ग पर आवागमन प्रभावित है.


स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, पूर्व विधायक अमरा राम और अन्य नेताओं के नेतृत्व में किसान शाहजांपुर के पास जयसिंहपुर-खेरा सीमा पर सकतपुरा में आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने यहां जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को एकतरफा बंद कर रखा है हालांकि दिल्ली से जयपुर मार्ग पर यातायात जारी रहा.


'हमने नहीं सरकार ने बंद किया'
यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने (रास्ता) बंद नहीं किया सरकार ने बंद किया. देखिए हमारी तरफ से कुछ नहीं है सरकार इस बैरिकेट को खोल दे. दस मिनट में सब कुछ खुल जाएगा. मैं विश्वास दिलाता हूं. जनता को परेशानी हो रही है.’ उन्होंने कहा, ‘हम रास्ता जाम करने नहीं आए हम तो दिल्ली जाकर अपनी बात रखने आए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर किसान आज पीछे हटेंगे तो अगले 20—25 साल इस देश के कोई किसान आंदोलन पैदा नहीं होगा. किसी किसान आंदोलन पर लोग भरोसा नहीं करेंगे. पीछे हटने के लिए नहीं, आगे बढ़ने के लिए हैं. हमने तय किया है. हम यहां बैठे हैं.’