नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी. किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी. हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद भी किसान अपना आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं और उनका कहना है कि कानून रद्द होने तक आंदोलन चलता रहेगा.


मांग पूरी होने तक चलता रहेगा आंदोलन: राकेश टिकैत


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भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कहा, 'कानून रद्द होने तक आंदोलन चलता रहेगा. किसान संगठन कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेंगी, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके.' उन्होंने कहा, 'कोर्ट की ओर से फैसला होने के बाद हम कोर कमेटी की बैठक बुलाएंगे और इस पर अपनी लीगल टीम के साथ चर्चा करेंगे. इसके बाद हमें क्या करना है, उसका फैसला करेंगे.'


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सुप्रीम कोर्ट ने किया कमेटी का गठन


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया, जिसमें कुल चार लोग शामिल होंगे. कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के एचएस मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल धनवत शामिल हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया किसानों को नोटिस


कोर्ट ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की केंद्र सरकार की अर्जी पर किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मसले पर सोमवार को सुनवाई होगी. ट्रैक्टर रैली को लेकर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि 26 जनवरी को योजना के अनुसार ट्रैक्टर रैली जारी रहेगी और किसान सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे.


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