नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मंगलवार को सरकार से जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लोगों को ‘दिल से लगाने’ और प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुनने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘भगवान राम हम सबके हैं और अगर अल्लाह एवं भगवान में फर्क किया गया तो देश टूट जाएगा’. लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और पहले के दिग्गज नेताओं पर उंगलि उठाना लोकतंत्र के लिए ठीक परंपरा नहीं है.


भगवान और अल्लाह एक हैं- अब्दुल्ला


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श्रीनगर से लोक सभा सदस्य ने सत्ता पक्ष से मुखातिब होते हुए कहा, ‘भगवान और अल्लाह एक हैं. अगर फर्क करेंगे तो देश को तोड़ देंगे. अगर आपने कोई गलती की तो हम आपको सही करेंगे और हम गलती करेंगे तो आप सही करेंगे. इसी तरह देश चलता है.’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘आज हमें आप पाकिस्तानी कहते हैं, खालिस्तानी कहते हैं, चीनी कहते हैं. मुझे मरना यहां है, जीना यहां है. मैं किसी से नहीं डरता. मुझे सिर्फ ऊपर वाले को जवाब देना है.’


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'राम हम सबके हैं'


उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘राम तो विश्व के राम हैं. अगर वो विश्व के राम हैं तो हम सबके राम हैं. कुरान सिर्फ हमारा नहीं, सबका है. बाइबल सबका है.’ लोक सभा सदस्य ने सत्तापक्ष के लिए कहा, ‘हमने आपको कभी दुश्मन नहीं माना. आपको अपना हिस्सा माना. अब जब विपक्ष में होंगे तो आपका सम्मान करेंगे और आपसे ज्यादा करेंगे.’


J&K के पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से किया ये आग्रह


अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का हवाला देते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह राज्य को जोड़ने और वहां के लोगों को ‘दिल से लगाने’ का काम करे. उन्होंने कहा, ‘आप कश्मीर के लोगों को दिल से लगाइए...सबको साथ लेकर चलिए. दुनिया को दिखाइए हम क्या हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम कब देश में नहीं थे. मैंने तो संयुक्त राष्ट्र में भारत की बात की. यह देश हमारा है, मगर आपको भी मेरा सम्मान रखना है.’


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खरीद-फरोख्त का लगाया आरोप


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं मुबारकबाद देता हूं कि 18 महीनों बाद जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवा शुरू की गई है. अल्लाह करे कि यह आगे चलती रहे.’ उन्होंने यह दावा भी किया कि जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में जीते हुए लोगों को पाला बदलने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. अब्दुल्ला ने कहा कि अगर लोकतंत्र को जिंदा रखना है तो जिसे लोगों ने वोट दिया है, उसी नतीजे को बरकरार रखना चाहिए. खरीद-फरोख्त के खिलाफ कानून बनना चाहिए.



सरकार से की ये अपील


कोरोना वायरस संकट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोशिश यह होनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा टीका लगे. लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण बहुत बेरोजगारी फैल गई है. लोगों को बहुत मुश्किल पेश आ रही है. मेरे प्रदेश में बहुत बुरी हालत है. सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए.’


किसान आंदोलन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘किसानों की बात सुननी चाहिए...समाधान निकालना चाहिए. ’ अब्दुल्ला बोले, ‘आज जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के बारे में सवाल उठाए जाते हैं, ये भारतीय परंपरा नहीं है. ये परंपरा मत शुरू करिए. जो चला गया उसकी इज्जत करिए.’