नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि सुनंदा पुष्कर की मौत पोलोनियम के जहर से नहीं होने की एफबीआई की रिपोर्ट को अदालत में सौंपे जाने से पहले सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।


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दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि रिपोर्ट को कम से कम उस समय तक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, जब तक कि हम इसे अदालत को नहीं भेज दें। सर्वाधिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की समिति ने रिपोर्ट की समीक्षा की। बस्सी ने कहा कि मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को यह रिपोर्ट विश्लेषण के लिए अब तक नहीं सौंपी गई है। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट का विश्लेषण करने में समय लगेगा और अदालत में रिपोर्ट सौंपने के बाद भी इससे जुड़े सभी कानूनी मुद्दों का अध्ययन करके ही इसे साझा किया जाएगा।


दिल्ली पुलिस ने कल कहा था कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर के विसरा नमूनों में रेडिएशन का स्तर सुरक्षा मानदंडों के भीतर था। दिल्ली पुलिस ने कल एफबीआई रिपोर्ट के निष्कर्षों को साझा किया था। बस्सी ने कहा था कि वाशिंगटन डीसी स्थित प्रयोगशाला की रिपोर्ट को मामले में आगे की कार्रवाई से पहले जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।


पुलिस सूत्रों ने कहा था कि एसआईटी के थरूर को फिर से पूछताछ के लिए तलब करने की संभावना है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की भी संभावना है। जांच अधिकारियों ने अब तक छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है। इसमें थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह और चालक बजरंगी और परिवार के करीबी मित्र संजय दीवान समेत सभी मुख्य गवाह शामिल हैं। थरूर का पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं किया गया, लेकिन उनसे पूछताछ की गई थी। सूत्रों के अनुसार आठ पन्ने की एफबीआई की रिपोर्ट ई-मेल के जरिए जांच के लिए नमूने भेजे जाने के तकरीबन नौ महीने बाद हासिल की गई। आठ पन्नों की रिपोर्ट में कथित जहर का नाम बताया गया है।