Borewell accident: मध्यप्रदेश और ओडिशा में बोरवेल में फंसे मासूमों को बचा लिया गया है. घंटों चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूमों को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया. दो अलग-अलग घटनाओं में मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में पांच साल का बच्चा और ओडिशा के संबलपुर में नवजात बोरवेल में फंस गए थे. दोनों को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन की तरफ से लगातार अभियान चलाया गया. घंटों चले रेस्क्यू अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के बाद मासूमों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


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20 फीट की गहराई में फंसा मासूम


मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में मंगलवार को पांच साल का एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. जिसके बाद से उसे बचाने का प्रयास जारी था. अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने बताया कि यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर खंडाला डावरी गांव में शाम करीब साढ़े चार बजे हुई. उन्होंने बताया कि लड़का करीब 20 फीट की गहराई पर फंसा था. उसे बचाने के लिए बचाव अभियान चलाया गया. अधिकारी ने कहा, मशीनों की मदद से एक समानांतर गड्ढा खोदा गया. चट्टानी इलाका होने के कारण बच्चे को बाहर निकालने में समय लगा.


की गई ऑक्सीजन की सप्लाई


वहीं,  ओडिशा के संबलपुर में उपयोग में नहीं लिए जा रहे एक बोरवले में मंगलवार को एक नवजात फंस गया था. राज्य सरकार ने उसे बाहर निकालने का अभियान शुरू किया. पुलिस ने बताया कि रंगाली क्षेत्र के लारीपाली गांव में यह बोरवेल करीब 15-20 फुट गहरा है जिसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति भी करनी पड़ी. बचाव अभियान चलाकर नवजात को बचाया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. गौर करने वाली बात यह है कि नवजात बच्चे को लेकर किसी ने दावा नहीं किया है.


नवजात को कोई फेंक तो नहीं गया?


ओडिशा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक ज्ञानरंजन दास ने बताया कि नवजात को बचाने के लिए कटक के मंडाली से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम भी भेजी गई थी. पुलिस ने कहा कि बच्चे के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों को उसके अंदर फंसे होने का पता चला. उपयोग में नहीं लाया जा रहा यह बोरवेल गांव के निकट वन में है. पुलिस ने कहा कि यह पता नहीं चल पाया कि नवजात इस बोरवेल के अंदर कैसे फंस गया. स्थानीय लोगों को संदेह है कि कोई बच्चे को बोरवेल के अंदर फेंककर चला गया होगा.


(एजेंसी इनपुट के साथ)