नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Service Exam) को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और हर साल लाखों छात्र इसमें शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिलती है. रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर (Satyendranath Tagore) पहले भारतीय थे, जिन्होंने सिविस सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की थी, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी (1st Woman IAS Officer of India) कौन थीं?


भारत की पहली महिला IAS अधिकारी कौन थीं?


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मौजूदा समय में देश में बड़ी संख्या में लड़कियां भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाने की तैयारी कर रही है तो वहीं हमारे देश में कई महिला आईएएस अफसर भी हैं. देश की पहली महिला आईएएस अफसर (1st Woman IAS Officer of India) अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) थीं.


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केरल में साल 1924 में हुआ था जन्म


अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) का जन्म 17 जुलाई 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी अपनी स्कूली शिक्षा केरल के कोझिकोड से पूरी की थी. इसके बाद वह चेन्नई चली गईं और मद्रास यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया.


27 की उम्र में बनीं आईएएस अफसर


कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) ने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली. साल 1951 में वह भारतीय सिविल सेवा (IAS) में शामिल हुईं.


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इंटरव्यू में विदेश सेवा चुनने को कहा गया


द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरव्यू के दौरान अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) से विदेश सेवा और केंद्रीय सेवाओं को चुनने के लिए कहा गया, लेकिन वह अपने फैसले पर कायम रहीं और आईएएस अफसर बनने का फैसला किया. अन्ना राजम मल्होत्रा ने मद्रास कैडर चुना.



2 पीएम और 7 सीएम के साथ किया काम


आईएएस सर्विस के दौरान अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) ने 2 प्रधानमंत्रियों और 7 मुख्यमंत्रियों के साथ किया. उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित तमिलनाडु के सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. इंदिरा गाँधी जब फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर गई थी, तब उनके साथ अन्ना राजम मल्होत्रा भी थी. इसके अलावा अन्ना राजम मल्होत्रा ने साल 1982 में दिल्ली में हुए एशियाई खेलों का प्रभारी होने के चलते राजीव गांधी के साथ भी काम किया.



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पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्‍मानित


केन्द्रीय सेवा में नियुक्ति होने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी है. इसके बाद जब अन्ना राजम मल्होत्रा रिटायर हो गई तो उसके बाद उन्होंने होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर काम किया. साल 1989 में देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा को भारत सरकार ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया.


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