weather Update: हिमाचल में बारिश से तबाही, कागज की तरह बहीं गाड़ियां; NDRF की टीम संभालेंगी मोर्चा
देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) हो रही है. आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है. हिमाचल प्रदेश में तो तबाही का ऐसा मंजर दिखा कि अफरा-तफरी मच गई. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से बात की है.
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में आसमान से आफत बरस रही है. हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिला. धर्मशाला में इतनी बारिश हुई कि कई गाड़ियां कागज की तरह पानी में बह गईं. राज्य में हुई बारिश से तबाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की और केंद्र की तरफ से मदद का आश्वासन दिया.
भेजी जा रहीं एनडीआरएफ की टीम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है. मैं बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं. इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश से आई प्राकृतिक आपदा के संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है. राहत कार्यों के लिए NDRF की टीमें शीघ्र वहां पहुंच रही हैं. गृह मंत्रालय स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहा है. केंद्र की ओर से हिमाचल को हर संभव मदद दी जाएगी.
कुल्लू तक का रास्ता ब्लॉक
दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की वजह से मंडी से कुल्लू तक का रास्ता ब्लॉक हो गया है. साथ ही मंडी-कटौला मार्ग भी ब्लॉक हुआ.
बादल फटने से तबाही
दरअसल हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. मैकलोडगंज (Mcleodganj) के पास भागसू गांव में बादल फटने से कई सड़क किनारे खड़ी कारें बह गईं, होटल क्षतिग्रस्त हो गए जिससे इलाके में अचानक बाढ़ आ गई. हालांकि, मानव जीवन को कोई नुकसान नहीं हुआ. रविवार रात भर लगातार बारिश होती रही. धर्मशाला में 119 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो इस मानसून में अब तक की सबसे अधिक वर्षा है.
यहां ऑरेंज अलर्ट, अब तक 6 की मौत
उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति तेज होने के कारण राज्य में पिछले सप्ताह से बारिश से संबंधित घटनाओं में छह लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तरी कर्नाटक में 6 जुलाई की शाम से भारी बारिश हो रही है. मानसून के तेज होने के साथ, उत्तर कन्नड़, उडुपी, दक्षिण कन्नड़, चिक्कमगलुरु, हासन, कोडागु और शिवमोग्गा जिलों में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार इन सात जिलों में 16 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया गया है. बीदर जिले में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बेमौसम बारिश रविवार को भालकी तालुक के खुदावंदपुर में बिजली गिरने से एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई.
आकाशीय बिजली गिरने से 11 पर्यटकों की मौत
दूसरी तरफफ जयपुर (राजस्थान) में आमेर किले के पास बिजली गिरने से 11 पर्यटकों की मौत हो गई जबकि 8 अन्य घायल हो गए. घटना के समय लगभग 27 लोग वॉच टावर और किले की दीवार पर मौजूद थे. जयपुर के पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने घटना की पुष्टि की. श्रीवास्तव ने कहा, बिजली गिरने से कुल 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 लोग घायल हो गए. उनमें से कुछ पहाड़ियों से फिसल गए और झाड़ियों के बीच गहरे नीचे गिर गए. आपदा राहत बल के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमें बीती रात से उन्हें बचा रही हैं और पीड़ितों की तलाश कर रही हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
यहां श्मशान घाटों पर भी बढ़ी लोगों की मुश्किलें
बिहार में बाढ़ के पानी ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लोग अपने प्रियजनों की मौत के बाद भी शव का अंतिम संस्कार सुकून के साथ नहीं कर पा रहे हैं. बाढ़ प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले के शहर और कई ग्रामीण क्षेत्रों में श्मसान घाट भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे अंतिम संस्कार में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुजफ्फरपुर में बूढी गंडक और गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के शहरी क्षेत्र में स्थित श्मसान घाट पर भी मुश्किलें बढ़ गई है. पहले यहां अंतिम संस्कार करने का सारा सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता था. नदियों के जलस्तर बढ़ने के कारण अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों और अन्य सामानों की दुकानें भी जलमग्न है.
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आकाशीय बिजली गिरने से 38 की मौत
उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में आकाशीय बिजली और बारिश की चपेट में आने से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई. प्रयागराज में चौदह, कानपुर देहात में पांच, फिरोजाबाद और कौशांबी में तीन-तीन और उन्नाव और चित्रकूट में दो-दो लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया और जिला प्रशासन को त्रासदी प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया.
जैसलमेर पहुंचा मॉनसून, दिल्ली को अब भी इंतजार
दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और हरियाणा के करनाल में बारिश हुई, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में बादल मंडराते ही रहे, बरसे नहीं और इस वजह से यहां गर्मी से राहत नहीं मिली है. पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में राहत की बूंदे बरस गयी हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) इस समय जैसलमेर, नागौर, भरतपुर, अलीगढ़, करनाल और गंगानगर से गुजर रही है.
(Input: एजेंसी)
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