Fog Weather: जमीन पर बैठे, पायलट को मुक्का... कोहरे में प्लेन उड़ेगा नहीं तो यात्रियों को कैसे मनाएं एयरलाइंस वाले?
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा है कि भारत में आजकल घना कोहरा पड़ रहा है. ऐसे में ट्रेन और प्लेन तो लेट होंगे ही. दृश्यता होने पर ही प्लेन हवा में उड़ सकते हैं. लेट होने पर यात्री गुस्से में आ जाते हैं. लगातार दो दिन दो मामले आए. एक एक्सपर्ट ने बताया है कि इस विवाद को टालने के लिए क्या कर सकते हैं.
Plane Fog Delay: दो-तीन दिन से दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कोहरे की मोटी चादर छाई है. सुबह के समय तो सड़क हो या आसमान कुछ भी दिखाई नहीं देता है. ऐसे में अपने कामकाज के लिए निकले लोग जब एयरपोर्ट पर ही फंस जाएं तो उनका नाराज होना स्वाभाविक है. हालांकि प्लेन के पास जमीन पर बैठने या पायलट को मुक्का मारने से कोहरा नहीं छंटने वाला है. फिर इस समस्या का समाधान क्या है? चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि दो दिन के भीतर दो अलग-अलग मामले दिल्ली और मुंबई में सामने आए हैं.
मुंबई एयरपोर्ट पर जमीन पर बैठकर यात्रियों के खाने-पीने का वीडियो वायरल हुआ तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आधी रात मंत्रालय के अधिकारियों की मीटिंग ली. तड़के इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ. 24 घंटे में जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले, मुक्का मारने वाले केस में कई यात्रियों ने बताया है कि पायलट देरी होने पर लोगों के पूछने से भड़क रहा था. वह कह रहा था कि लोगों के इतना सवाल पूछने से और देरी हो रही है. हालांकि एक यात्री के हमला करने को सभी ने गलत बताया है.
दो दिन पहले प्लेन के अंदर का वीडियो सामने आया था, जिसमें एक शख्स को-पायलट पर हमला करते दिखाई देता है. पता चला कि सुबह की फ्लाइट शाम को गई थी. कई यात्रियों ने पायलट की गलती बताई. लोगों के सवाल पूछने पर उन्हें ही देरी के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा था. काफी बवाल हुआ. अब एक एविएशन एक्सपर्ट माइकल जैन ने इसका समाधान बताया है.
एयरलाइन कोहरे के लिए जिम्मेदार नहीं
जैन ने कहा कि कोहरा होना प्राकृतिक है, इसमें एयरलाइन कुछ भी नहीं कर सकती है. एयरलाइन कोहरे के लिए जिम्मेदार नहीं है... ऐसे में देरी के लिए एयरलाइन को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं. लेकिन एयरलाइंस यात्रियों की परेशानी थोड़ी कम जरूर कर सकती हैं. हां, कुछ चीजें ऐसी हैं जिसके लिए एयरलाइंस जिम्मेदार हैं और वे यात्रियों की हताशा को थोड़ा कम कर सकती हैं लेकिन क्या वे कोहरे की भरपाई करने के लिए जिम्मेदार हैं? नहीं.
Belair के डायरेक्टर और एविएशन एक्सपर्ट जैन ने कहा कि जो लोग एयरलाइंस ऑपरेट कर रहे हैं, वे काफी अनुभवी हैं. वे जानते हैं कि अगर कोहरा है और जीरो दृश्यता है तो 2-3 घंटे में हालात नहीं बदलने वाले हैं. ऐसे में उन्हें यात्रियों को सही सूचना देनी चाहिए कि 3 घंटे की देरी होगी. उन्होंने कहा, 'सूचना देना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोग सही उम्मीद रखेंगे. मुझे लगता है कि उन्हें यात्रियों को पूरा रिफंड देना चाहिए क्योंकि अगर मुझे मीटिंग में पहुंचना था और मैं पहुंच नहीं पा रहा हूं. मीटिंग कैंसल की गई तो मैं फिर क्यों जाऊंगा? ऐसे केस में मुझे पूरा पैसा वापस मिलना चाहिए.'