बेटे के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी ने साधी चुप्पी, सवालों से बचते आए नजर पूर्व रक्षा मंत्री
BBC Documentary Controversy: बुधवार को पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी एक समारोह में शामिल होने आए तो उन्होंने अपने बेटे पर मीडिया के सवालों को टालते हुए कहा कि वह एक निजी समारोह में हैं.
A.K. Antony News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी अपने बेटे अनिल एंटनी के पार्टी के पदों से इस्तीफा देने के बाद चुप्पी साध ली है. अनिल एंटेनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी के एक डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करते हुए इसे खतरनाक मिसाल करार दिया है.
देश में सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रहने वाले 82 वर्षीय एंटनी अपने कनिष्ठ सहयोगी जयराम रमेश की एक टिप्पणी से काफी नाराज हैं. गौरतलब है कि रमेश ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन और ए.के.एंटनी के बेटे अनिल एंटनी के बीच तुलना की थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'एक ही राज्य के दो मुख्यमंत्रियों के दो बेटों की कहानी. एक भारत यात्री है और भारत जोड़ो यात्रा में हमारे देश को एकजुट करने के लिए ज्यादातर नंगे पांव चल रहा है. दूसरा अपने कर्तव्यों की अनदेखी करते हुए आज धूप में अपने दिन का आनंद ले रहा है.'
सार्वजनिक कार्यमक्र में कम दिखते हैं एंटनी
पिछले साल अप्रैल में उच्च सदन में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद एंटनी दिल्ली से राज्य की राजधानी अपने घर लौट आए थे. तब से, कभी-कभी राज्य पार्टी मुख्यालय में कार्यालय जाने के अलावा, उन्हें सार्वजनिक रूप से पार्टी के कार्यक्रमों में शायद ही कभी देखा जाता है.
'बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं'
नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया समीक्षक ने कहा कि अपने बेटे के कदम से एंटनी शायद बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं. आलोचक ने कहा, कांग्रेस नेताओं की मानसिकता को जानने के बाद यह कहा जा सकता है कि हमला अनिल के खिलाफ नहीं, बल्कि एंटनी के खिलाफ है. एंटनी ने दिल्ली में रहकर हमेशा आलाकमान पर हावी होकर राज्य के गलत नेताओं के खिलाफ अनुशासन की तलवार चलाई.
बुधवार को टालते रहे मीडिया के सवाल
बुधवार को जब वह एक समारोह में शामिल होने आए तो एंटनी ने अपने बेटे पर मीडिया के सवालों को टालते हुए कहा कि वह एक निजी समारोह में हैं. अब सभी की निगाहें चालू विधानसभा सत्र पर टिकी होंगी, क्योंकि एंटनी और उनके बेटे के बयान पर विपक्ष को मात देने के लिए सत्ता पक्ष कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं गंवाएगा.
(इनपुट - IANS)
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