मुंबई: ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) को स्पेशल PMLA कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने चंदा कोचर को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है. कोर्ट ने चंदा कोचर को बिना कोर्ट की पूर्व मंजूरी के देश से बाहर नहीं जाने की ताकीद की है. 


नियमों को ताक पर रखकर कर्ज देने का आरोप


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चंदा कोचर के खिलाफ वीडियोकान कंपनी को नियमों को ताक पर रखकर कर्ज देने का आरोप है. इस मामले में चंदा कोचर (Chanda Kochhar) शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुई थी. चंदा कोचर ने विशेष न्यायाधीश ए ए नांदगांवकर के समक्ष अपने वकील विजय अग्रवाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की. अदालत ने ईडी से उसकी जमानत अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा. चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) भी आरोपी है और फिलहाल जेल में बंद है. इस मामले में वीडियोकान कंपनी के वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को भी समन देकर कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है. मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी.


ED ने सितंबर 2020 में की थी दीपक कोचर की अरेस्टिंग


बता दें कि चंदा कोचर (Chanda Kochhar), धूत और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद ED ने सितंबर 2020 में दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी. साथ ही कर्ज जारी करने के अगले दिन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने आठ सितंबर 2009 को 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए. NRPL के मालिक दीपक कोचर हैं.


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'ऐसा लगता है कि पति के जरिए अनुचित लाभ उठाया'


पिछली सुनवाई में न्यायाधीश नंदगांवकर ने कहा था कि PMLA के तहत उपलब्ध करायी गयी सामग्री, लिखित शिकायतों और दर्ज बयानों को देखते हुए ऐसा जान पड़ता है कि चंदा कोचर (Chanda Kochhar) ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आरोपी धूत और उसके वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को कर्ज दिए. न्यायाधीश ने कहा, ‘ऐसा जान पड़ता है कि उन्होंने अपने पति के जरिए रिश्वत/अनुचित लाभ उठाया....’. अदालत ने कहा कि ईडी ने जो सामग्री उपलब्ध करायी है, वह आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला चलाने के लिये पर्याप्त है.


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