नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के सरसंघ संचालक मोहन भागवत एक ही मंच पर दिखेंगे. राष्ट्रपति बनने से पहले कांग्रेस की पिछली सरकारों में वित्त, रक्षा जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके प्रणब मुखर्जी लगातार बीजेपी और आरएसएस पर हमलावर रहे. ऐसे में उनका आरएसएस के कार्यक्रम में मेहमान बनने की खबर लोगों का ध्यान खींच रही है. सूत्रों के मुताबिक आरएसएस की ओर से प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में आने का न्योता भेजा गया था, जिसे उन्होंन स्वीकार लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरएसएस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 7 जून को तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग कार्यक्रम होगा. इसमें प्रणब मुखर्जी के पहुंचने की पूरी संभावना है. यह कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग स्थित संघ मुख्यालय पर होगा. हालांकि इस संबंध में प्रणब मुखर्जी की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह संघ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे या नहीं. 


ये भी पढ़ें: 'बजट भाषण' और 'रेड सूटकेस' का 158 साल पुराना रिश्‍ता, पीछे हैं 2 'खास' वजह


अगर प्रणब मुखर्जी RSS के इस कार्यक्रम में पहुंचते हैं तो वह 800 स्वंयसेवकों को संबोधित करेंगे. जिस वक्त प्रणब मुखर्जी मंच मौजूद होंगे, उस दौरान मोहन भागवत भी वहां रहेंगे. 


मालूम हो कि मनमोहन सिंह की सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने 'भगवा आतंक' शब्द का प्रयोग किया था, जिसका RSS ने जोरदार विरोध किया था. उस वक्त प्रणब मुखर्जी भी सरकार में शामिल थे, लेकिन उन्होंने इस पर आपत्ति नहीं की थी.


ये भी पढ़ें: ...तो अटल, मनमोहन और प्रणब मुखर्जी को खाली करना पड़ सकता है सरकारी बंगला


इसके अलावा प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति रहते हुए मौजूदा बीजेपी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके काफी अच्छे रिश्ते रहे. पीएम मोदी कई सार्वजनिक मंचों से प्रणब मुखर्जी की तारीफ कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता आरएसएस के प्रति आक्रामक रुख अपनाए रहते हैं.