Cyber Crime: फ्री फ्री फ्री, स्पेशल डिस्काउंट, एक पर एक फ्री, फेस्टिव डिस्काउंट. ऐसे न जाने क्या-क्या लुभावने मैसेज आपके पास आते होंगे.  लेकिन ऐसे ही लुभावने संदेशों से आपको बेहद सावधान होने की जरूरत है. त्योहारों के मौसम में अक्सर खरीदारों और विक्रेताओं के बीच डिस्काउंट और ऑफर्स को लेकर मोल भाव होता है. ऐसे मौके जहां एक ओर खरीदारों और विक्रेताओं के लिए खुशी के पल लाते हैं तो वहीं इंटरनेट पर मौजूद साइबर अपराधियों के लिए त्योहार साइबर फ्रॉड उत्सव साबित होते हैं. आने वाले महीने देशभर में अनेक त्योहार की धूम देखने को मिलेगी, जिसका फायदा उठाने के लिए साइबर ठग तैयार बैठे हैं. 


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मुंबई पुलिस ने क्या जानकारी दी


मुंबई पुलिस साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन दिनों सोशल मीडिया और इंटरनेट पर एक नए तरह का फ्रॉड देखने मिल रहा है. इस फ्रॉड के तहत साइबर अपराधी लोगों को डिस्काउंट और ऑफर्स के नाम पर एसएमएस या लिंक भेजते हैं, जिसपर क्लिक करने पर लोगों के बैंक खातों से पैसे साफ हो जाते हैं. साइबर अधिकारियों ने बताया कि लिंक के साथ साथ त्योहारों के मौके पर फर्जी वेबसाइटों की संख्या में बढ़त देखने को मिली है. गूगल पर खरीदारी करने के लिए वेबसाइट की तलाश करते हुए लोग अक्सर साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं और छोटे डिस्काउंट के चक्कर में खुद का बड़ा नुकसान कर बैठते हैं. 


ऐसे में पुलिस का कहना है कि अगर पीड़ित समय रहते अपराधों की रिपोर्ट करें तो न सिर्फ उनकी बल्कि अन्य लोगों की भी समय रहते मदद की जा सकेगी. साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि इंटरनेट पर मौजूद आम यूजर्स को लेकर साइबर अपराधी टेक्नोलॉजी के साथ साइकोलॉजिकल हमले भी करते हैं और ऐसा करने के लिए वे ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जिनसे हम बेहद खुश या बेहद हैरान हों ताकि हमारी इमोशनल इंटेलिजेंस पर प्रभाव हो. भारी डिस्काउंट या ऑफर मिलने से लोगों को खुशी, उपलब्धता का एहसास होता है जिससे हम हमारे शक को भी नजरंदाज कर देते हैं और यहीं साइबर ठग फायदा उठा लेते हैं. फर्जी वेबसाइटों को कुछ इस प्रकार बनाते हैं कि देखने वाले असमंजस में पड़ जाते हैं और असली नकली में फर्क ही नहीं कर पाते. 


ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई में रहने वाले युवा ओम के साथ. ओम वाघ बताते हैं कि कुछ दिनों पहले इंडिपेंडेंस डे फेस्टाइव सेल के नाम पर उन्हें एक मैसेज आया, जहां उन्हें खरीदारी पर डिस्काउंट मिलने की बात कही गई. हालांकि जब उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और खरीदे समान की पेमेंट की तो उन्हें पता चला कि उनके बैंक खाते से बिल से अधिक राशि निकल चुकी.  बैंक से कटे रुपयों को देख ओम हैरान रह गए लेकिन अब उनके पास पछताने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा. 


हालांकि ऐसे लुभावने संदेशों का शिकार होने वाले वह इकलौते नहीं हैं. पुलिस द्वारा दी जानकारी से पता चला कि इसी साल की शुरुआत से अब तक उनके पास साइबर फिसिंग के 150 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जिनमें कुल 10 लाख से अधिक की राशि का नुकसान लोगों को हुआ है.



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