Bihar Poisonous Liquor Case: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गयी. पूर्वी चंपारण के जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘जिला पुलिस को शनिवार को सूचना मिली कि तुरकौलिया, हरसिद्धि, सुगौली और पहाड़पुर में कुछ लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है.’’


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ग्रामीणों ने पुलिस को यह भी बताया कि इन लोगों की मौत कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई है. पुलिस जब शनिवार सुबह तुरकौलिया और पहाड़पुर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि पीड़ितों ने शुक्रवार और शनिवार की रात में शराब का सेवन किया था. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम को तुरंत शहर के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया. अंत में अधिकारियों को पता चला कि मोतिहारी निवासी दो लोगों की इलाज के दौरान मुजफ्फरपुर में और एक अन्य की मोतिहारी सदर अस्पताल में मौत हो गई.


इसके अलावा, पुलिस को यह भी सूचना मिली कि संभवत: जहरीली शराब के सेवन के कारण 11 और लोगों की मौत हुई है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा पुलिस को सूचित किए बिना उनके शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसके अतिरिक्त, मोतिहारी सदर अस्पताल में 10 और गंभीर रूप से बीमार लोगों का इलाज किया जा रहा है.


इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. अवैध शराब के धंधे में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी शुरू कर दी गई है. आबकारी विभाग के अधिकारी भी घटना की जांच कर रहे हैं. बयान में कहा गया है, ‘‘अशोक पासवान, छोटू पासवान और रामेश्वर राम के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इनकी मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगी. संभवत: जहरीली शराब के सेवन से मारे गए अन्य 11 लोगों में ध्रुव पासवान, जोखू सिंह, मनोहर राय, ध्रुप यादव, अभिषेक यादव, टुनटुन सिंह, भूटन मांझी, सुदीश राम, इंद्रासन महतो, अजय पासवान और छोटे लाल मांझी शामिल हैं. इनके शवों का ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किए बिना अंतिम संस्कार कर दिया था.’’


पूर्वी चंपारण जिले में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा, ‘‘मैं कहता रहा हूं कि शराब खराब है और इसका सेवन नहीं करना चाहिए. मैंने अधिकारियों से शराबबंदी कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.’’ वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय राज्य की चिंता करनी चाहिए. इस त्रासदी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है... कब तक यह जारी रहेगा... हम घटना में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए मुआवजे की मांग करते हैं.’’


अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, शराब तस्करों के खिलाफ जारी अभियान के बावजूद राज्य से शराब की तस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं. दिसंबर 2022 में सारण जिले में जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सारण जहरीली त्रासदी के संबंध में बिहार सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए और अपनी रिपोर्ट में घटना के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया था.
 
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(एजेंसी इनपुट के साथ)