Ladki Bahin Scheme: महाराष्ट्र सरकार आने वाले बजट में अपने खर्चों को पूरा करने के लिए जनता पर बोझ बढ़ा सकती है. हाल में कैग (भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक) ने महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति नाजुक होने और राज्य का राजकोषीय घाटा 2 लाख करोड़ रुपये के पार होने पर चिंता जताई है. इसी बीच सरकार के मंत्री ने लाडकी बहिन योजना पर सवाल उठा दिए हैं. जानें पूरी बात.
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Manikrao Kokate: महाराष्ट्र के चुनाव में लाडकी बहिन योजना का योगदान बहुत है. इसी के बदौलत सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति की जीत हुई है. लेकिन अब इसी योजना पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने सवाल खड़े किए हैं. जानें पूरा मामला. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि लाडकी बहिन योजना से राज्य के कोष पर भार पड़ रहा है और इसके कारण कृषि ऋण माफी योजना प्रभावित हो रही है. लाडकी बहिन योजना से राज्य पर सालाना लगभग 46,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने का अनुमान है. इस योजना को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले साल अगस्त में शुरू किया था जिसके तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.
महाराष्ट्र चुनाव में सबसे कारगर रही योजना!
माना जाता है कि नवंबर 2024 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति की जीत में इस योजना ने अहम भूमिका निभाई. रविवार को पुणे में कोकाटे ने संवाददाताओं से कहा कि लाडकी बहिन योजना के कारण अतिरिक्त खर्च जुड़ने से राज्य के अधिशेष बनाने की क्षमता प्रभावित हुई. यह अधिशेष किसानों के ऋण माफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा, ‘‘लाडकी बहिन योजना के कारण जुड़े अतिरिक्त खर्च ने कृषि ऋण माफी के लिए धन अलग रखने की हमारी क्षमता को प्रभावित किया है. हम वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और एक बार राज्य की आमदनी बढ़ने के बाद, हम अगले चार से छह माह में ऋण माफी योजना पर आगे का कदम उठाएंगे.’’ उन्होंने बताया कि ऋण माफी पर निर्णय अंततः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों द्वारा लिया जाएगा जिसे लागू करना राज्य सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी है.
योजना का ले रहे गलत लोग फायदा
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य सरकार ने लाडकी बहन योजना के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है और उनके सत्यापन के लिए आयकर तथा परिवहन विभागों से जानकारी मांगी है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल फर्जी लाभार्थियों से संबंधित शिकायतों पर ही कार्रवाई करेगी. इनपुट भाषा से भी