G20 Summit Delhi 2023 Latest News: पूरी दुनिया कल यानी 8 सितंबर से भारत का दम देखेगी, जब करीब डेढ़ दर्जन देशों के राष्ट्राध्यक्ष जी-20 समिट में शामिल होने के लिए दिल्ली में होंगे. तीन दिनों तक चलने वाले इस समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर चर्चा होनी है. इस समिट में भाग लेने के लिए विभिन्न देशों के नेताओं का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. नाइजीरिया के राष्ट्रपति बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे. वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 8 सितंबर की शाम को दिल्ली पहुंचेंगे.


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इन 3 नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे पीएम मोदी


रिपोर्ट के मुताबिक ब्राज़ील के राष्ट्रपति 8 सितंबर की रात 8:45 बजे नई दिल्ली पहुँचेंगे और 11 सितंबर की सुबह ब्राज़ील के लिए रवाना होंगे. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 8 सितंबर को भारत (G20 Summit Delhi) पहुंचेंगी, और 8 सितंबर को शाम 5:30 बजे पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करेंगी. पीएम मोदी 8 सितंबर को 3 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ात करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी 8 सितंबर को द्विपक्षीय मुलाकात प्रस्तावित है. 


अमेरिका ने चीन को जारी की चेतावनी


इसी बीच अमेरिका ने जी-20 में चीन की ‘बिगाड़ने वाले’ की भूमिका पर चेतावनी जारी की है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यह चीन को तय करना है कि वह नई दिल्ली में आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit Delhi) में किस तरह की भूमिका निभाना चाहता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर बीजिंग इसमें आना चाहता है और ‘बिगाड़ने वाले’की भूमिका निभाना चाहता है, तो यह विकल्प उसके लिए उपलब्ध है. जेक सुलिवन  जी20 शिखर सम्मेलन पर भारत-चीन सीमा तनाव के प्रभाव को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. 


चीन ‘बिगाड़ने वाले’ की भूमिका से बाज आए


उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत और चीन के बीच तनाव का (जी20) शिखर सम्मेलन को प्रभावित करने का सवाल है तो यह वास्तव में चीन पर निर्भर है. अगर चीन इसमें आना चाहता है और बिगाड़ने वाले की भूमिका निभाना चाहता है तो निश्चित रूप से यह विकल्प उनके लिए उपलब्ध है.’ 


कई अहम मुद्दों पर हो सकती है बातचीत
 
सुलिवन ने कहा, 'मुझे लगता है कि जी20 (G20 Summit Delhi) का वर्तमान अध्यक्ष भारत उन्हें वह करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जो अमेरिका और वस्तुत: हर दूसरा सदस्य, जी20 का हर दूसरा सदस्य चाहेग. जैसे कि वे जलवायु, बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार, ऋण राहत, प्रौद्योगिकी और भूराजनीतिक सवालों से इतर समस्या-समाधान तथा विकासशील देशों के लिए काम करने पर वास्तव में ध्यान केंद्रित करने के विषय पर रचनात्मक तरीके से आएं.’