नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को सशस्त्र बलों के जवानों को विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा दिखाने के लिए दो कीर्तिचक्र और 15 शौर्यचक्र पुरस्कार भेंट किए. दो कीर्तिचक्र और दो शौर्यचक्र मरणोपरांत दिए गए. रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के सर्वोच्च सेनापति भी हैं. उन्होंने प्रदीप कुमार पांडा (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 130वीं बटालियन के हवलदार) और सावर विजय कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स की 22वीं बटालियन के सशस्त्र सैनिक) को कीर्तिचक्र प्रदान किए.


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पांडा दिसंबर, 2017 में जम्मू एवं कश्मीर के लेथपोरा शिविर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान दिया दिया. वहीं, कुमार को मरणोपरांत यह सम्मान अगस्त, 2018 में राज्य के दासरू गांव में दो हार्डकोर आतंकवादियों को मार गिराने के बाद शहीद हो जाने के कारण दिया गया.


मरणोपरांत शौर्यचक्र पुरस्कार पाने वाले वीर जवानों में सिपाही अजय कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स की 42वीं बटालियन की यंत्रीकृत पैदल सेना के सदस्य) और राइफलमैन जयप्रकाश उरांव (असम राइफल्स की चौथी बटालियन के सैनिक) शामिल हैं.


अन्य शौर्यचक्र पुरस्कार पाने वाले अन्य वीर जवान हैं : मेजर पवन कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स), कुलदीप सिंह चाहर, जिले सिंह (दोनों सीआरपीएफ के), राइफलमैन रथवा लिलेश भाई (असम राइफल्स), लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रांत पाराशर, कैप्टन अभय शर्मा, मेजर रोहित लिंगवाल, नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया, हवलदार जावीद अहमद भट, हवलदार कुल बहादुर थापा (सभी पैराशूट रेजीमेंट- विशेष बल के), लेफ्टिनेंट कर्नल अर्जुन शर्मा (जाट रेजीमेंट), मेजर इमलियाकुम कीत्जर (गोरखा राइफल्स) और इरफान रहमान शेख.


राष्ट्रपति ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया. उन्होंने 13 परम विशिष्ट सेवा मेडल, दो उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 26 अति विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए. पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन यहां राष्ट्रपति भवन में किया गया.