नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में पिछले साल जून में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) को महावीर चक्र (Maha Vir Chakra) से सम्मानित किया गया है. कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र पुरस्कार मिला है.


इन जांबाजों को भी मिला वीरता मेडल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू (Santosh Babu) के अलावा नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, हवलदार तेजेंद्र सिंह, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को गलवान घाटी (Galwan Vally) के लिए मरणोपरांत वीरता मेडल दिया गया है. शहीद मेजर अनुज सूद को कश्मीर घाटी में उत्कृष्ट कार्य के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.


चीनी सैनिकों को दिया था मुंहतोड़ जवाब


बता दें कि पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Vally) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल 15-16 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में संतोष बाबू (Santosh Babu) समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. भारतीय जवानों ने गलवान वैली में चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे. चीन ने झड़प में मारे गए और घायल हुए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में खुलासा नहीं किया, लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना के करीब 35 सैनिक मारे गए थे.


ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस को 17 साल तक क्यों मनाते रहे ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में, दिलचस्प कहानी


लाइव टीवी



18 महीने से लद्दाख में तैनात थे संतोष बाबू


संतोष बाबू (Santosh Babu) 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी थे और 18 महीने से लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Vally) में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे. शहीद संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे और हैदराबाद के सैनिक स्कूल में पढ़ाई की थी, फिर एनडीए के लिए चुने गए थे. उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं. उनके पिता फिजिकल एजुकेशन टीचर हैं.


VIDEO