गंगा एक्सप्रेस-वे पर किस स्पीड तक दौड़ा सकेंगे कार? जानें किन राज्यों को मिलेगा फायदा
Ganga Expressway Construction: एक्सप्रेस-वे की राह में आने वाले बिजली के हाईटेंशन वायर और पोल को हटा दिया गया है और जमीन को समतल भी कर लिया गया है. एक्सप्रेस-वे के काम के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 600 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की जा चुकी है.
मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला गांगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों की तकदीर को बदल सकता है. इस एक्सप्रेस-वे से अयोध्या, गोरखपुर और वाराणसी हाईवे को कनेक्ट किया जाएगा. 594 किलोमीटर लंबे इस इस एक्सप्रेस-वे का काम प्रयागराज के दांदू गांव से शुरू हो चुका है. इस एक्सप्रेस-वे के तहत प्रयागराज के 20 गांव आएंगे. इसके बीच में आने वाले सभी गांवों की जमीन का अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जमीन के बदले लोगों को मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है.
एक्सप्रेस-वे की राह में आने वाले बिजली के हाईटेंशन वायर और पोल को हटा दिया गया है और जमीन को समतल भी कर लिया गया है. एक्सप्रेस-वे के काम के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 600 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की जा चुकी है, जो कि इस एक्सप्रेस-वे के बनने में लगने वाली लागत की पहली किश्त है. यानी अब सिर्फ काम होना बाकी है. ये एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा.
कितने होंगे टोल?
छह लेन के एक्सप्रेस-वे के तहत आने वाले अंडरपास और इंटरचें को बनाने का काम भी जारी है. इस एक्सप्रेस-वे पर दो मुख्य टोल होंगे, एक प्रयागराज में और दूसरा मेरठ में. इसके अलावा मेरठ से लेकर प्रयागराज के बीच में 12 अतिरिक्त रैंप टोल गेट बनाए जाएंगे. साथ ही प्रतापगढ़ में गंगा के करीब एक ग्रीनफील्ड भी तैयार करने की योजना है.
किन राज्यों को होगा फायदा?
इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत उत्तर भारत के ऊपरी क्षेत्र में बसे राज्यों से बिहार और पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में आना-जाना आसान हो जाएगा. यह उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को पूर्वी हिस्से से जोड़ने में अहम कड़ी साबित होगा. इसे अयोध्या वाया प्रतापगढ़-सुलतानपुर राजमार्ग, प्रयागराज-गोरखपुर राजमार्ग और वाराणसी राजमार्ग से जोड़ा जाएगा.
कितनी होगी अधिकतम रफ्तार?
इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 36 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. 12 जिलों के 519 गांवों को को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चलाने की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. साथ ही इस पर एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी जिस पर जरूरत के समय विमान को उतारा जा सके.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं