बेगलुरु: श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने कन्नड़ पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या पर आपत्तिजनक बयान दिया है. कर्नाटक में गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने कांग्रेस की सरकार पर सवाल उठाए. वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की आलोचना करने वालों पर भी प्रमोद मुतालिक ने निशाना साधा है. उन्होंने रविवार (17 जून) को एक कार्यक्रम में कहा, 'कांग्रेस के शासन के दौरान दो हत्याएं कर्नाटक में हुईं और दो महाराष्ट्र में. उस दौरान किसी ने कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी पर सवाल नहीं उठाए. इसके बदले, वे लोग पुछ रहे हैं कि गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों चुप हैं? अगर कर्नाटक में कोई कुत्ता भी मरता है तो क्या मोदी जिम्मेदार हैं?'



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पिछले साल पांच सितंबर को 'लंकेश पत्रिका' की संपादक गौरी लंकेश (55) की बेंगलुरु शहर के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं. हालांकि मुथालिक ने सोमवार (18 जून) को स्पष्टीकरण दिया कि वह गौरी लंकेश की तुलना कुत्ते से नहीं करना चाहते थे, वह केवल इतना जानना चाह रहे थे कि प्रधानमंत्री को हर मौत (राज्य में होने वाली) पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए या नहीं।


एक ही हथियार से हुई गौरी लंकेश, गोविंद पंसारे और कलबुर्गी की हत्या
पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 15 जून को बताया था कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था. परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है.


एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे तथा एम एम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया. नाम उजागर न करने की शर्त पर एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी) गोविंद पंसारे, एम एम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई.”


मुतालिक ने वाघमारे से खुद को किया अलग
इस बीच, श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक ने खुद को और अपने संगठन को वाघमारे और गौरी की हत्या से अलग कर लिया है. मुतालिक ने 17 जून को कहा, ‘‘श्रीराम सेना और वाघमारे के बीच कोई संबंध नहीं है. वह न तो हमारा सदस्य है और न ही हमारा कार्यकर्ता है. यह मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं.’’ उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी झंडा फहराने का मामला सामने आया था तो कहा गया कि वाघमारे श्रीराम सेना का सदस्य है. हालांकि, उन्होंने यह साबित कर दिया कि वाघमारे उनके संगठन का नहीं, बल्कि आरएसएस का सदस्य है.


मुतालिक ने कहा, ‘‘आरएसएस की वर्दी में मैंने उसकी तस्वीर साझा की. मैंने उस वक्त कहा था कि वह श्रीराम सेना का नहीं, बल्कि आरएसएस का कार्यकर्ता था.’’ परशुराम वाघमारे के पिता अशोक वाघमारे ने कहा कि उसका पुत्र निर्दोष है, लेकिन यह नहीं कह सकता कि वह (परशुराम) लंकेश की हत्या के दिन पांच सितम्बर को कहां था.


उल्लेखनीय है कि फरवरी 2015 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्या कर दी गई थी, जबकि 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में दो मोटरसाइकल सवार युवकों ने प्रोफेसर एमएम कलबुर्गी को गोली मार दी थी. स्वतंत्र विचारक नरेंद्र दाभोलकर की पुणे में 20 अगस्त 2013 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.