Adani-Hindenburg Saga: `हम पारदर्शिता चाहते हैं...`, सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझाव को लेने से SC का `सुप्रीम` इनकार, ये है वजह
Supreme Court on Adani-Hindenburg Case: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि वह इन्वेस्टर्स के हितों में पूरी तरह पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है और वह सीलबंद लिफाफे में केंद्र सरकार के सुझाव को स्वीकार नहीं करेगी.
Gautam Adani Networth: सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार के लिए रेग्युलेटरी नियमों को मजबूत बनाने के लिए एक्सपर्ट्स की समिति पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि वह इन्वेस्टर्स के हितों में पूरी तरह पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है और वह सीलबंद लिफाफे में केंद्र सरकार के सुझाव को स्वीकार नहीं करेगी. बेंच ने कहा, 'हम सीलबंद लिफाफे में आपके सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम कमेटी के नाम का सुझाव खुद देंगे.
इससे अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के सिटिंग जज को कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा.
वकील एमएल शर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा कि मैं किसी कंपनी का हिस्सा नहीं हूं लेकिन शॉर्ट सेलिंग को लेकर मैं चिंतित हूं. वहीं प्रशांत भूषण ने इस केस से जुड़ीं तकनीकी बातें कोई के सामने रखीं. उन्होंने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों में 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयर इस ग्रुप के प्रमोटर्स के पास थे. प्रशांत भूषण ने याचिका में इस केस की जांच एसआईटी से कराने की अपील की है.
सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को कहा था कि अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट के मद्देनजर भारतीय निवेशकों के हितों को बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सुरक्षित करने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र से रेग्युलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक पूर्व जज की अगुआई में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की एक समिति बनाने पर विचार करने को कहा था. वकील एम एल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर चार जनहित याचिकाएं दायर की हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडानी ग्रुप के खिलाफ कई आरोप लगाए जाने के बाद, ग्रुप के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आई है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
(इनपुट-पीटीआई)
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