दक्षिण गोवा के जिला कलेक्टर (Goa district collector) ने 26 जनवरी को आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम के लिए सरकारी कर्मचारियों से 1,000 रुपये का योगदान देने के लिए कहा. कलेक्टर के इस बयान पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. विपक्षी गोवा फॉरवर्ड पार्टी (Goa Forward Party) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने इस आदेश की आलोचना की है. मामला पर विवाद बढ़ता देख कलेक्टर ज्योति कुमारी ने कहा कि यह गणतंत्र दिवस कार्यक्रम नहीं है.


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इधर, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के प्रमुख विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनके मंत्रिमंडल पर निशाना साधा और दावा किया कि उन्होंने खजाने को खाली कर दिया है और अब सरकारी कार्यों के लिए योगदान का सहारा ले रहे हैं. 


19 जनवरी को जारी सर्कुलर में कहा गया है, 'दक्षिण गोवा के कलेक्ट्रेट द्वारा 26 जनवरी, 2023 को मटान्ही सलदान्हा प्रशासनिक परिसर मैदान में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसके बाद गणतंत्र दिवस समारोह होगा. सभी इच्छुक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 1,000 रुपये का योगदान दें.'


कलेक्टर ने दो अधिकारियों के नामों का भी उल्लेख किया है, जिन्हें 20 जनवरी तक कर्मचारियों से पैसे जुटाने का काम सौंपा गया है. इस सर्कुलर पर मचे बवाल के बीच जीएफपी प्रमुख सरदेसाई ने एक ट्वीट में कहा, 'ये योगदान है या जबरन वसूली? क्या गोवा सरकार एक गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने के लिए पूरी तरह से दिवालिया हो गया है, जो सरकारी कर्मचारियों से वसूली कर रहा है? गोवा सरकार और उनके कैबिनेट ने सरकारी खजाने को खाली कर दिया है. और अब समारोह के लिए चंदा जुटाना पड़ रहा है.'


आम आदमी पार्टी गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने ट्वीट किया, 'आपके पास भ्रष्ट आचरण वाले कार्यक्रमों पर बर्बाद करने के लिए दुनियाभर का पैसा है. लेकिन गणतंत्र दिवस मनाने के लिए आप सरकारी कर्मचारियों से पैसा इकट्ठा करना चाहते हैं? शर्म आनी चाहिए.' हालांकि, विवाद पर कलेक्टर ने कहा कि चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूशन और वृद्धाश्रमों की मदद के लिए धन एकत्र किया जा रहा है.


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