पहली बार आया पीरियड, भाई ने समझा शारीरिक संबंध का सबूत, मौत तक किया टॉर्चर
Shocking News: अज्ञानता का इससे बड़ा खौफनाक मंजर आज तक सामने नहीं आया था. एक दरिंदे भाई ने अपनी ही बहन के साथ क्रूरता की हद पार कर दी. 12 साल की मासूम के साथ उसके भाई द्वारा ही ये क्रूरता एक-दो दिन नहीं बल्कि चार दिन तक जारी रही.
Shocking News: अज्ञानता का इससे बड़ा खौफनाक मंजर आज तक सामने नहीं आया था. एक दरिंदे भाई ने अपनी ही बहन के साथ क्रूरता की हद पार कर दी. 12 साल की मासूम के साथ उसके भाई द्वारा ही ये क्रूरता एक-दो दिन नहीं बल्कि चार दिन तक जारी रही. चौथे दिन उसने मासूम बहन के खून से अपने हाथ रंग लिए, उसे मौत के घाट उतार दिया. यह चौंका देने वाली घटना महाराष्ट्र के ठाणे में सामने आई है. घटना के पीछे की वजह आपको झंकझोर कर रख देगी.
घर को सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है, लेकिन क्या होगा अगर यह ऐसी जगह बन जाए जहां आपको हर दिन खतरा महसूस हो? ठाणे जिले के उल्हासनगर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. 12 वर्षीय लड़की को उसके भाई ने बेरहमी से प्रताड़ित कर मार डाला.
लड़की को अभी-अभी माहवारी यानी पीरियड शुरू हुए थे और उसके कपड़ों पर मासिक-धर्म के धब्बे थे. जिसे उसके भाई ने गलती से प्रेम संबंध का सबूत मान लिया था. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की अपने 30 वर्षीय भाई और उसकी पत्नी के साथ रहती थी. जब भाई ने उसके कपड़ों पर खून के धब्बे देखे तो उस पर अवैध संबंध का आरोप लगाया और उसे परेशान करने लगा.
लड़की के समझाने के प्रयासों के बावजूद कि वह केवल अपने पहले मासिक धर्म का अनुभव कर रही थी. उसके भाई ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. रिपोर्टों से पता चलता है कि आरोपियों ने पीड़ित के शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर जख्म दिए. उसके शरीर पर कई जगह चिमटे से दागने के निशान मिले हैं.
लड़की के साथ चार दर्दनाक दिनों तक यातना जारी रही, जिससे लड़की को घातक चोटें आईं और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया. आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का आरोप लगाया गया है और लड़की के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
यह दुखद घटना मासिक धर्म के बारे में अधिक जागरूकता और शिक्षा की तत्काल आवश्यकता और महिलाओं और लड़कियों के साथ सम्मान और अच्छे व्यवहार के महत्व की याद दिलाती है. यह समाज को बेहतर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक जागृत आह्वान है कि किसी भी महिला या लड़की को अपने करीबी लोगों के हाथों इस तरह के अत्याचारों का शिकार न होना पड़े.