Goa Govt Files Police Complaint: गोवा सरकार ने एक सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उस यूजर ने कहा था कि अब विदेशी पर्यटक गोवा नहीं आ रहे हैं. गोवा सरकार के पर्यटन विभाग ने एक उद्यमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसने गोवा में पर्यटन की स्थिति के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था, जिसके बाद कई अन्य यात्रियों ने गोवा में हुए अपने नकारात्मक अनुभवों के बारे में बताया था.


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साइबर अपराध पुलिस स्टेशन पणजी में दर्ज कराई गई शिकायत


गोवा पर्यटन के उप निदेशक राजेश काले ने पणजी में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन के पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में लिखा कि वह "5 नवंबर को लगभग 3:52 बजे सार्वजनिक हुई शरारत भरी घटना के बारे में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज करा रहे हैं." काले की शिकायत के अनुसार, उद्यमी ने "अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल के माध्यम से गलत डेटा प्रसारित किया, जिससे स्थानीय व्यवसायों को काफी परेशानी हुई और स्थानीय समुदाय के भीतर भय या चिंता पैदा हुई."


विवादित पोस्ट में क्या लिखा था? गोवा पुलिस से क्यों हुई शिकायत


राजेश काले ने पुलिस से की शिकायत में जिस विवादित पोस्ट का जिक्र किया है, उसमें लिखा है, "विदेशी पर्यटक पहले ही (गोवा) छोड़ चुके हैं. 2019 बनाम 2023 के आंकड़ों को देखें. रूसी और ब्रिटिश जो सालाना आते थे, उन्होंने इसके बजाय श्रीलंका को चुना है. भारतीय पर्यटक अभी भी आ रहे हैं, लेकिन जल्द ही इसे छोड़ देने की संभावना है क्योंकि विदेशों में इतने सस्ते जगह होने के बावजूद पर्यटकों के शोषण के बारे में बात फैल रही है." पोस्ट में इसके साथ ही एक चार्ट भी था जो बताता था कि गोवा में विदेशी पर्यटक कम हो रहे हैं.


लंबे समय से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों की पसंद है गोवा


इंडियन एक्सप्रेस शिकायत में काले ने आगे लिखा, "गोवा को लंबे समय से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों आगंतुकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है. इस तरह के झूठे बयानों का प्रचार न केवल हमारे राज्य की प्रतिष्ठा को खतरे में डालता है, बल्कि इससे सार्वजनिक शांति के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है. पर्यटन विभाग विशेष रूप से चिंतित है कि ये कार्य गोवा की राज्य छवि को कम करने के मकसद से एक छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं.”


चाइना इकोनॉमिक इंफॉर्मेशन सेंटर (CEIC) का विवादित डेटा


शिकायत में कहा गया है कि उद्यमी ने “अपने पोस्ट में चाइना इकोनॉमिक इंफॉर्मेशन सेंटर (CEIC) के डेटा का संदर्भ दिया. हालांकि, इस डेटा की विश्वसनीयता संदिग्ध है क्योंकि उसने पोस्ट करने से पहले न तो पर्यटन विभाग से परामर्श किया और न ही अपने द्वारा एकत्र किए गए डेटा को वेरिफाई किया. गोवा में भविष्य में पर्यटकों की संख्या के बारे में उनकी गलत धारणाएं नकारात्मक स्थिति को और बढ़ा देती हैं. उसके बयानों... का उद्देश्य सार्वजनिक अशांति पैदा करना प्रतीत होता है और इससे व्यक्ति राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं."


गोवा की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसे पोस्ट


काले ने शिकायत में लिखा है, "विचाराधीन पोस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर काफी उकसावे को बढ़ावा दिया है और इसने विभिन्न बेईमान तत्वों को आकर्षित किया है, जो हमारे स्थानीय समुदाय की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. यह स्पष्ट है कि ये कार्य सार्वजनिक शांति का उल्लंघन करते हैं और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और स्वागत योग्य गंतव्य के रूप में गोवा की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन आरोपों की गंभीर प्रकृति और गोवा के पर्यटन क्षेत्र पर उनके संभावित प्रभाव को देखते हुए, हम आपके सम्मानित कार्यालय से तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं."


गोवा के साइबर अपराध मामले के एसपी राहुल गुप्ता ने क्या कहा ?


गोवा के साइबर अपराध मामले के एसपी राहुल गुप्ता ने कहा, "हमें अभी तक औपचारिक रूप से शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. हम शिकायत में जताई गई चिंताओं पर गौर करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे." यह शिकायत पर्यटन विभाग द्वारा कैब से लेकर होटल तक गोवा के पर्यटन बुनियादी ढांचे  की सोशल मीडिया पर आलोचना से जूझने के कुछ दिनों बाद आई है. विभाग ने इसके पहले राज्य के बचाव में एक बयान भी जारी किया है.


गोवा पर्यटन विभाग के आधिकारिक बयान में राज्य सरकार का बचाव


इस सप्ताह की शुरुआत में जारी किए गए गोवा पर्यटन विभाग के आधिकारिक बयान में कहा गया है, "गोवा, किसी भी अन्य पर्यटन स्थल की तरह, बाजार की ताकतों द्वारा शासित है और कई बार हवाई और होटल घटक गोवा को महंगा बना देते हैं, जिससे संभावित पर्यटक वैकल्पिक विकल्पों की तलाश करते हैं. हालांकि, गोवा ने हमेशा यात्रियों की विविध श्रेणी के लिए एक शीर्ष अवकाश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चुनौतियों का सामना करना जारी रखा है."


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भारत के किसी राज्य की तुलना श्रीलंका जैसे किसी देश से करना गलत


विभागीय बयान में यह भी कहा गया है कि भारत के किसी राज्य की तुलना श्रीलंका जैसे किसी अन्य देश से करने से "गलत दृष्टिकोण" निकल सकता है. दूसरी ओर, आरोपी सोशल मीडिया यूजर और उद्यमी के एक्स पर लगभग 22,500 फॉलोवर्स हैं. वह खुद को "ऑनलाइन कानूनी शिक्षण मंच" का संस्थापक बताता है. उसने फिलहाल इस बारे में कोई नई टिप्पणी नहीं की है. द इंडियन एक्सप्रेस अखबार द्वारा भेजे गए संदेश और ईमेल का भी उसने कोई जवाब नहीं दिया.


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