नई दिल्ली: प्राइवेट सेंटर्स में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) की सुस्त रफ्तार को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही प्राइवेट अस्पतालों के लिए तय 25% कोटे को घटा सकती है. सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है. इसी सिलसिले में अब प्राइवेट अस्पतालों द्वारा उपयोग नहीं की गई वैक्सीन की सात से नौ फीसदी डोज का इस्तेमाल सरकारी टीकाकरण केंद्रों में शुरू हो गया है.


'स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने देश के टीकाकरण अभियान के बारे में चर्चा करते हुए इस फैसले की जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में इस फैसले के अमल में होने की बात कही थी. यह फैसला पिछले 90 दिनों में निजी केंद्रो पर वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकता है. 
दरअसल पिछले कुछ समय से निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन कोटा घटाने की मांग हो रही है. 


उपलब्धता पर उठ रहे थे सवाल


गौरतलब है कि गैर बीजेपी शाषित राज्यों की ओर से लंबे समय से वैक्सीन की कमी होने की बात कही जा रही थी. खुद बीजेपी के सांसद सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन का कोटा घटाने को लेकर सरकार से सवाल किया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया कि ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार पहले ही निजी अस्पतालों द्वारा इस्तेमाल नहीं की गई वैक्सीन का सरकारी केंद्रों पर उपयोग कर रही है.


दरअसल देश में बनी 75% कोरोना वैक्सीन केंद्र सरकार खरीदती है, तो वहीं 25 फीसदी टीके प्राइवेट सेक्टर के लिए आवंटित किये गए थे.


ये भी पढ़ें- OBC पर Modi Govt आज उठाएगी दूसरा बड़ा कदम, संविधान संशोधन बिल को मिल सकती है मंजूरी


वैक्सीन उत्पादक कंपनियों के लिए आने वाले समय में निजी अस्पतालों के लिए 25 फीसदी टीके रिजर्व रखने की बाध्यता को खत्म किया जा सकता है. इसका मतलब ये कि निजी क्षेत्र को टीके की आपूर्ति मांग के आधार पर होगी और बाकी का इस्तेमाल मुफ्त टीकाकरण अभियान (Free Vaccination Drive) में होगा.


LIVE TV