Farmers Protest में खालिस्तान समर्थकों की घुसपैठ से सरकार चौकन्नी, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों के मद्देनजर कार्रवाई का फैसला लिया है. गृह मंत्रालय खालिस्तान समर्थक संगठनों और उनसे जुड़े NGO को मिलने वाली कथित विदेशी फंडिंग की व्यापक जांच शुरू करना चाहता है.
नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादियों (Khalistani Terrorists) द्वारा किसान आंदोलन (Farmers Protest) को हाईजैक करने की खबरों को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार बड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है. मीडिया में ऐसी खबरें आईं थीं कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के नाम पर खालिस्तानी आतंकी और उनसे जुड़े गैर सरकारी संगठन पंजाब (Punjab) सहित देश के कई हिस्सों में पैर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए अब मोदी सरकार भारत विरोधी मंसूबे रखने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है.
Investigation में लाई जाएगी तेजी
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों के मद्देनजर कार्रवाई का फैसला लिया है. गृह मंत्रालय खालिस्तान समर्थक संगठनों और उनसे जुड़े NGO को मिलने वाली कथित विदेशी फंडिंग की व्यापक जांच शुरू करना चाहता है. मंत्रालय द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को निर्देशित किया जाएगा कि वे खालिस्तानी आतंकवादियों (Khalistani Terrorists) और उनके प्रति सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ भारत विरोधी गतिविधियों के सिलसिले में चल रही जांच को तेज करें.
हर हरकत पर होगी नजर
सरकार के प्लान के तहत सरकारी एजेंसियां खालिस्तान समर्थक समूहों जैसे सिख फॉर जस्टिस (SFJ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स आदि की गतिविधियों पर करीब से नजर रखेंगी. NIA, ED, CBI और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियां खालिस्तानी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल होंगी. केंद्रीय एजेंसियां यह जांच भी करेंगी कि क्या यूके, कनाडा, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से खालिस्तानी संगठनों धन प्राप्त हुआ है.
High-Level Meeting में हुआ फैसला
इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, इसमें केंद्रीय एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में किसान आंदोलन (Farmers Protest) में खालिस्तान समर्थकों की भूमिका और उनकी भारत विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की गई. जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि एक व्यापक जांच अभियान चलाया जाएगा, ताकि भारत विरोधी ताकतों के मंसूबों को ध्वस्त किया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक संगठनों, NGO और खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ सरकार वैसी ही कार्रवाई करेगी, जैसी कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ की गई है.
ISI कर रही है मदद?
सरकार ने उन खबरों को भी गंभीरता से लिया है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI खालिस्तान समर्थकों की मदद कर रही है. भारत में चल रहे किसान आंदोलन के खिलाफ कई खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास और मिशनों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इन प्रदर्शनों को सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे संगठनों ने आयोजित किया था. सरकार ने इस साल जुलाई में सिख फॉर जस्टिस से जुड़ी 40 वेबसाइट को ब्लॉक किया था. बता दें कि भारत में यह एक प्रतिबंधित संगठन है.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले सरकार ने नौ खालिस्तानी आतंकवादियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधित अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की थी, इसमें SFJ का गुरवपंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) भी शामिल था. बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का यूनाइटेड किंगडम प्रमुख परमजीत सिंह, खालिस्तान टाइगर फोर्स का कनाडाई प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का जर्मन सदस्य गुरमीत सिंह बग्गा और भूपिंदर सिंह भिंडा सहित पाकिस्तान के चार आतंकवादियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी.